“जबलपुर के फेफड़े को बचाएँ”

टेलीकॉम फैक्ट्री जबलपुर (रानीताल चौक के पास )की 70 एकड़ बेशकीमती भूमि पर भू माफ़िया ,नेता और अफसरों की नजर है। यह इलाका तेजी से विकसित हो रहा है। आसपास बडे़ मॉल और मल्टी प्रोडक्ट स्टोर खुल रहे हैं।

Jul 9, 2024 - 17:24
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“जबलपुर के फेफड़े को बचाएँ”
“Save the lungs of Jabalpur”
टेलीकॉम फैक्ट्री जबलपुर (रानीताल चौक के पास )की 70 एकड़ बेशकीमती भूमि पर भू माफ़िया ,नेता और अफसरों की नजर है। यह इलाका तेजी से विकसित हो रहा है। आसपास बडे़ मॉल और मल्टी प्रोडक्ट स्टोर खुल रहे हैं। फैक्ट्री के किनारे फ्लाईओवर गुजरता है। चारों तरफ 20 बड़ी कॉलोनियों की बसाहट है। इसकी कीमत सभी जानते हैं। इसलिए उस पर डोरे डाले जा रहे हैं “नीलामी की प्रोसेस काफ़ी आगे बढ़ चुकी है “ ।
किसी समय इसके आवासीय क्षेत्र में चहल-पहल रहती थी ,80 साल पुरानी फैक्ट्री का अपना इतिहास है। आयुध निर्माणियों की तरह इसका शहर की अर्थव्यवस्था में योगदान रहा है। इसमें चार हजार कर्मचारी काम करते थे। आवासीय क्षेत्र में चहल-पहल होती थी। अब यह इलाका सुनसान हो गया है। फैक्ट्री तथा रहवासी क्षेत्र में लगभग 15,000 हजार पेड़ हैं जो कि इस इलाके को ऑक्सीजन टैंक बनाते हैं। यह क्षेत्र जबलपुर के फेफड़ें हैं ,आसपास की कॉलोनियों के लोगों को ताजी हवा यही से मिलती है ,यदि एक बार इस जमीन का विक्रय हो गया तो हरियाली मिट जाएगी। भावी पीढि़यों को टहलने के साथ खेलने कूदने की जगह भी नहीं बचेगी। ताजी हवा भी नहीं मिलेगी।इसमें एक अच्छा पार्क बनना चाहिये … क्या सरकार की जगह पर जनता का हक़ नहीं है ,यह जबलपुर के लोगों स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी है ।
टेलीकॉम फैक्ट्री और आसपास के क्षेत्र में जमीनों की कीमत बहुत अधिक है।इसलिए टेलीकॉम फैक्ट्री प्रबंधन और राज्य शासन इसे बेचने की फिराक में हैं।
यहाँ वायु की गुणवत्ता शहर के दूसरे इलाकों की तुलना में बेहतर रहती है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का आंकडा भी इसे प्रमाणित करता है। स्नेहनगरऔरयादवकॉलोनी ,रानीताल ,राइटटाउन ,पूरा फुहारा क्षेत्र नेपियर टाउन ,मदन महल गढ़ा क्षेत्र में इस जंगल की वजह से एयर क्वालिटी बेहतर है ,एक तरफ़ पर्यावरण विद् पेड़ लगाने की मुहिम चला रहे हैं दूसरी तरफ़ बना बनाया जंगल उजड़ने की कगार पर है चुप बैठे हैं ,उनसे कर बद्ध प्रार्थना है आगे आइए जबलपुर के ऑक्सीजन टैंक को बचाइए, शहर में कुछ ही जगह हैं, जहां हरियाली बची है। उनमें टेलीकाम फैक्ट्री भी एक है। ये इलाका पेड़-पौधों से आबाद रहना चाहिए।यहां एक उद्यान विकसित किया जा सकता है। इसका फायदा वर्तमान के साथ आने वाली पीढि़यों को भी मिलेगा।अपने लिए नहीं तो आगे आने वाली पीढ़ी के लिए यह संघर्ष ज़रूरी है ????
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