फर्जी थाना प्रभारी बन स्टोर संचालक से 10 हजार ठगे

हनुमानताल थाना अंर्तगत मोतीनाला अस्पताल के पास एक मेडिकल स्टोर संचालक से एक साइबर ठग ने 10 हजार की चपत लगा दी। इसके बाद ठग ने इसी अंदाज में गढ़ा के शुक्ला नगर निवासी दवा विक्रेता से ठगी का प्रयास किया।

Apr 24, 2024 - 16:13
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फर्जी थाना प्रभारी बन स्टोर संचालक से 10 हजार ठगे
10 thousand rupees were cheated from the store operator by posing as fake police station incharge

मोतीनाला अस्पताल के पास एक मेडिकल स्टोर संचालक को बनाया ठगी का शिकार

जबलपुर।

हनुमानताल थाना अंर्तगत मोतीनाला अस्पताल के पास एक मेडिकल स्टोर संचालक से एक साइबर ठग ने 10 हजार की चपत लगा दी। इसके बाद ठग ने इसी अंदाज में गढ़ा के शुक्ला नगर निवासी दवा विक्रेता से ठगी का प्रयास किया। लेकिन वो सफल नहीं हो पाया। शहर के कई दवा विक्रेता और मेडिकल स्टोर संचालक ठग के निशाने पर हैं। खुद को सिविल लाइन थाने का प्रभारी बताने वाले ठग ने मोतीनाला अस्पताल के पास मेडिकल स्टोर संचालक से 10 हजार रुपए ठग लिए। हालांकि अभी स्टोर संचालक ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। 
ठगी का शिकार हुए मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि घटना 22 अप्रैल सोमवार दोपहर की है। उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर 9179701482 से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को जबलपुर के सिविल लाइन थाने एसएचओ संतोष कुमार तिवारी बताते हुए कहा कि क्षेत्र के एसडीएम राजेन्द्र योगी साहब के लिए कुछ दवाइयां खरीदनी हैं। इसके बाद उसने मेडिकल स्टोर संचालक के व्हाट्सएप पर दवा के नाम लिखकर भेज दिया। कथित थाना प्रभारी ने कहा कि वह दवाइयां निकाल कर रख ले कुछ देर बाद एक आरक्षक दुकान से दवाएं प्राप्त कर लेगा। स्टोर संचालक ने दवाई निकालीं, जिसकी कीमत लगभग 1360 रुपए हुई और उसने कथित थाना प्रभारी को बिल व्हाट्सएप कर दिया। कथित थाना प्रभारी ने फोन किया और कहा कि वह दवा की कीमत का ऑनलाइन भुगतान कर रहा है। कुछ देर बाद उसने स्टोर संचालक के व्हाट्सएप पर एक स्क्रीनशॉट भेजा। जिसमें 11350 रुपए  के भुगतान की जानकारी थी। सिविल लाइन थाना प्रभारी बने साइबर ठग ने कहा कि एसडीएम साहब ने गलती से 10 हजार अतिरिक्त भेज दिए हैं। 10 हजार वापस कर दो, जिसके लिए क्यूआर कोड भेजा।

ऑनलाइन भेजी गई रकम नहीं पहुंची-

मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि उसने कथित थाना प्रभारी से कहा कि अभी तक उसके पास ऑनलाइन भेजी गई रकम की सूचना नहीं पहुंची है। जिसका मैसेज आते ही वह 10 हजार लौटा देगा। परंतु फर्जी थाना प्रभारी मेडिक स्टोर संचालक पर दबाव बनाता रहा कि एसडीएम साहब का पैसा है, इसलिए वह बिना देर किए 10 हजार लौटा दे वरना रिजर्व बैंक में शिकायत कर उसका बैंक खाता बंद करवा दिया जाएगा। मेडिकल स्टोर संचालक को धमकियां भी देने लगा। इसी बीच मेडिकल स्टोर संचालक ने घबराकर 10 हजार रुपए उसके दिए हुए क्यूआर कोड में ट्रांसफर कर दिए। दो दिन का समय बीतने के बाद भी स्टोर संचालक के खाते में कथित एचएसओ के भेजे हुए 11350 रुपए नहीं पहुंच पाए। मंगलवार शाम को स्टोर संचालक को आभास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है। 

शातिर ठग ने बातों में दिया झांसा-

स्टोर संचालक ने बताया कि कथित थाना प्रभारी ने जिस क्यूआर कोड पर पैसा ट्रांसफर कराया वो एचडीएफसी बैंक का अकाउंट है। जो किसी राजू कुमार पासबान के नाम से है और वो खाता मोबाइल नम्बर 7894067264 से लिंक है। स्टोर संचालक ने बताया कि कथित थाना प्रभारी ने अपनी बांतों से झांसा दिया और धमकियां भी दीं।   स्टोर संचालक ने कथित थाना प्रभारी से कहा कि अगर मेरे खाते में पैसा आ जाएंगे तो आपको 10 हजार तुरंत भेज देंगे। जिसपर उसने कहा कि मर्चेंट अकाउंट से एनईएफटी किया गया है। इसलिए तुम्हे आधा घंटे बाद पैसा मिल जाएगा। लेकिन तुम एसडीएम साहब के खाते में अभी 10 हजार सेंड कर दो, नहीं तो तुम पर एफआईआर दर्ज करा देंगे।