ओलम्पिक का 125 साल का इतिहास और सिर्फ 41 मेडल

भारतीय होने पर हम सबको गर्व है। लेकिन क्या हम खेल खिलाडयों के मामले में गर्व करने जैसा कुछ देखते हैं?  विश्व स्तर की प्रतियोगिता के 125 साल के इतिहास में हमने मात्र 41 मैडल जीते हैं।

Aug 17, 2024 - 15:39
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ओलम्पिक का 125 साल का इतिहास और सिर्फ 41 मेडल
125 years of Olympic history and only 41 medals

रवीन्द्र दुबे

भारतीय होने पर हम सबको गर्व है। लेकिन क्या हम खेल खिलाडयों के मामले में गर्व करने जैसा कुछ देखते हैं?  विश्व स्तर की प्रतियोगिता के 125 साल के इतिहास में हमने मात्र 41 मैडल जीते हैं। इनमें से 13 पदक तो सिर्फ हॉकी में मिले हैं। आधुनिक भारत में हमने 2012 में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया उसके बाद 2020 में हमने उल्लेखनीय और 2024 में उसको क़ायम रखा है।

दूसरा अभिनव या मैरीकाम कब मिलेगा- 

क्या हम एक और अभिनव बिंद्रा,मैरीकाम, सुशील कुमार, मीरा बाई चानू, पीवी सिद्धू या नीरज चौपड़ा को तलाश पाए या निखार सके। क्या ये सब पैदाइशी योग्य थे और अपना सर्वश्रेष्ठ दे सके? हमने इसे अपनी उपलब्धि मान लिया। 
140 करोड़ में 16 खेल का दल...!
 भारत की आबादी 140 करोड़ से ज्यादा हो गई है। हम आज भी व्यक्तिगत स्पर्धा में क्वालीफाई स्तर को नहीं छू सके हैं। पेरिस ओलम्पिक के 32 खेल में से 16 खेल में ही हम जाने योग्य हैं। 125 साल में से आधे समय तो हम गुलाम थे।

ओलम्पिक मतलब हॉकी-

हमारे लिए ओलम्पिक का मतलब ही हॉकी होता था क्योंकि घास पर खेली जाने वाली भारतीय शैली जिसे एशियाई शैली कहा गया। वह अब उसमें हम सर्वश्रेष्ठ रहे। 1980 में हमने आखिरी बार हॉकी का गोल्ड जीता था। 

10 गोल्ड में से 8 पदक सिर्फ हॉकी में-

अब तक मिले 41 पद में से 13 हॉकी, 8 कुश्ती, 7 निशानेबाजी, 3 बैडमिंटन-बॉक्सिंग, 2 भाला फेंक - वजन उठाने और 1 अन्य में पदक मिला है। भारत अब तक 10 गोल्ड पदक जीता है। जिसमें से 8 हॉकी में एक-एक भाला फेंक व निशानेबाजी में मिला हैं। 

खेल संघ नेताओं की जागीर-

हमारे यहां खेल संघ नेताओं या उनके परिजनों की निजी जागीर हैं। निशानेबाजी पर 40 साल से ज्यादा दिल्ली भाजपा नेता विजय गोयल काबिज रहे। कुश्ती संघ का विवाद सबको पता है। सीएम हेमंत बिसवा, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल, भाजपा के अनिल जैन, चौटाला आदि अन्य नेता खेल संगठन के खेवनहार हैं।

क्रमश:- 5....पढ़ते रहिए...