सरोगेसी के जरिए बच्चा होने के बाद भी मिलेगा 180 दिन का मातृत्व अवकाश 

सरकारी महिला कर्मी सरोगेसी के जरिए बच्चा होने की सूरत में 180 दिन का मातृत्व अवकाश ले सकती हैं। केंद्र सरकार ने इस संबंध में 50 साल पुराने नियम में संशोधन की घोषणा की है।

Jun 24, 2024 - 15:38
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सरोगेसी के जरिए बच्चा होने के बाद भी मिलेगा 180 दिन का मातृत्व अवकाश 
180 days of maternity leave will be available even after having a child through surrogacy

50 साल पुराने सरोगेसी से जुड़े नियमों में संशोधन

सरकारी महिला कर्मी सरोगेसी के जरिए बच्चा होने की सूरत में 180 दिन का मातृत्व अवकाश ले सकती हैं। केंद्र सरकार ने इस संबंध में 50 साल पुराने नियम में संशोधन की घोषणा की है। केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियमावली, 1972 में किए बदलावों के अनुसार, ''अधिष्ठाता मां' (सरोगेसी के जरिए जन्मे बच्चे को पालने वाली मां) बच्चे की देखभाल के लिए अवकाश ले सकती है और साथ ही ''अधिष्ठाता पिता' 15 दिन का पितृत्व अवकाश ले सकता है।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा अधिसूचित संशोधित नियमों में कहा गया है, ''सरोगेसी की दशा में, सरोगेट के साथ ही अधिष्ठाता मां (जैविक मां) को, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, एक अथवा दोनों के सरकारी कर्मचारी होने की स्थिति में 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है।' अभी तक सरोगेसी के जरिए बच्चे के जन्म की सूरत में सरकारी महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश देने के लिए कोई नियम नहीं था।

पिता को भी मिल सकेगी छुट्टी-

नए नियमों में कहा गया है, ''सरोगेसी के माध्यम से बच्चा होने के मामले में अधिष्ठाता पिता, जो सरकारी सेवक है, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, उसे बच्चे के जन्म की तारीख से छह माह के भीतर 15 दिन का पितृत्व अवकाश दिया जा सकता है।' इन नियमों को 18 जून को अधिसूचित किया गया। इसमें कहा गया है कि सरोगेसी की दशा में, अधिष्ठाता मां, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, उसे शिशु देखभाल अवकाश दिया जा सकता है।

दी जा सकती है चाइल्ड केयर लीव-

मौजूदा नियमों से ''किसी महिला सरकारी सेवक और एकल पुरुष सरकारी सेवकÓÓ को दो सबसे बड़े जीवित बच्चों की देखभाल के लिए जैसे कि शिक्षा, बीमारी और इसी तरह की जरूरत होने पर पूरे सेवाकाल के दौरान अधिकतम 730 दिन का शिशु देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) दिया जा सकता है।