प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिव 7 दिन के सामूहिक अवकाश पर, सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

मध्य प्रदेश के करीब 23,000 पंचायत सचिव 26 मार्च से 1 अप्रैल तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे, क्योंकि उन्हें पिछले तीन से चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। इससे नाराज सचिव अब विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं।

Mar 20, 2025 - 16:37
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प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिव 7 दिन के सामूहिक अवकाश पर, सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
23 thousand Panchayat secretaries of the state on 7-day mass leave

मध्य प्रदेश के करीब 23,000 पंचायत सचिव 26 मार्च से 1 अप्रैल तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे, क्योंकि उन्हें पिछले तीन से चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। इससे नाराज सचिव अब विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं। पंचायत सचिव संगठन ने सरकार को 25 मार्च तक उनकी मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम दिया है। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लेंगे।

मध्य प्रदेश के पंचायत सचिव अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की तैयारी में हैं। करीब 23,000 पंचायत सचिव 26 मार्च से 1 अप्रैल तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे, यानी इस दौरान वे काम नहीं करेंगे। उनकी नाराजगी की वजह यह है कि उन्हें पिछले तीन से चार महीनों से वेतन नहीं मिला है।

52 जिला मुख्यालय होंगे प्रभावित


पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि वे अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर सभी 313 ब्लॉक और 52 जिला मुख्यालयों में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 25 मार्च तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 26 मार्च से सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।

फिलहाल 7 दिनों का सामूहिक अवकाश


दिनेश शर्मा ने कहा कि फिलहाल 7 दिनों के लिए सामूहिक अवकाश का निर्णय लिया गया है। यदि इस दौरान भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे हड़ताल को आगे बढ़ा देंगे। उन्होंने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।

पंचायत सचिवों की प्रमुख मांगें:


-हर महीने की 1 तारीख को वेतन मिलना चाहिए, क्योंकि वर्तमान में उन्हें तीन से चार महीने तक वेतन नहीं मिल रहा है।
-मुख्यमंत्री द्वारा घोषित समयमान वेतनमान का लाभ अभी तक नहीं मिला है, जिसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए।
- पंचायत सचिवों को सरकारी कर्मचारियों की तरह सभी सुविधाएं दी जानी चाहिए।
- प्रदेश की 313 जनपदों में से 50% में वेतन संबंधित समस्याएं बनी रहती हैं, इसलिए बजट में अलग से प्रावधान किया जाना चाहिए।
- पांचवें और छठे वेतनमान में सेवा काल की गणना नियुक्ति की तारीख से होनी चाहिए।
- अनुकंपा नियुक्ति के लंबित मामलों में पिछड़ा वर्ग और वंचित वर्ग को 100% नियुक्तियां मिलनी चाहिए।
- विभाग में संविलियन की मांग को पूरा किया जाना चाहिए।

सरकार से कई बार हो चुकी बातचीत


पंचायत सचिवों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर सरकार से कई बार चर्चा कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। सरकार द्वारा बार-बार अनदेखी किए जाने के कारण वे अब सामूहिक अवकाश और हड़ताल के लिए मजबूर हो गए हैं।