35 साल पहले महिला के परिवार ने किया था पिंडदान, अचानक से फोन आया और खुश हो गया परिवार
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 70 वर्षीय महिला, जो करीब 35 साल पहले लापता हो गई थी और जिसे मृत मान लिया गया था, वह अचानक जीवित मिली है।

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 70 वर्षीय महिला, जो करीब 35 साल पहले लापता हो गई थी और जिसे मृत मान लिया गया था, वह अचानक जीवित मिली है। महिला के जिंदा लौटने से परिवार में खुशी का माहौल है।
दरअसल, ब्यावरा के जगात चौक निवासी गोपाल सेन की पत्नी गीता सेन लगभग 35 साल पहले शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील के खोखरा गांव स्थित अपने मायके गई थीं, जहां से वह अचानक लापता हो गईं। परिजनों ने उन्हें काफी खोजा, लेकिन कोई पता नहीं चला। लगभग पांच साल पहले उन्हें मृत मानकर प्रयागराज में पिंडदान कर दिया गया और हर साल श्राद्ध पक्ष में नवमी के दिन उनका श्राद्ध किया जाने लगा।
हाल ही में नागपुर के एक मानसिक अस्पताल से आए फोन कॉल ने पूरे परिवार को चौंका दिया। अस्पताल की समाजसेवा अधीक्षक कुंडा बिडकर और ब्यावरा व कालापीपल पुलिस की मदद से परिवार ने नागपुर जाकर गीता बाई को सुरक्षित घर वापस लाया।
समाजसेवा अधीक्षक कुंडा बिडकर ने बताया कि गीता बाई को कोर्ट के आदेश पर मानसिक स्थिति के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें अपने परिवार या पते की कोई जानकारी नहीं थी। बायोमेट्रिक सिस्टम से पहचान की कोशिश की गई, लेकिन वह भी विफल रही। लगभग 19 महीने तक महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई गांवों, पुलिस स्टेशनों, सरपंचों और दुकानदारों से संपर्क किया गया। अंततः ब्यावरा के बारे में जानकारी मिली और राजगढ़ पुलिस की मदद से परिवार तक पहुंच बना ली गई।
35 साल बाद जब गीताबाई अपने घर लौटीं, तो परिवार वालों ने उनका जोरदार और भव्य स्वागत किया। पति, बेटे, बेटी और पोते-पोतियों ने फूल मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया। इस भावुक पल में पति-पत्नी ने एक-दूसरे को माला पहनाकर अपने मिलन को खास बना दिया।