किसानों के आंदोलन के चलते 500 ट्रेनें प्रभावित, चार दिन से लगातार जारी है आंदोलन 

किसानों का रेल रोको आंदोलन अब विकराल रूप लेता जा रहा है। किसान लगातार चार दिन से आंदोलन पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि आंदोलन के दौरान उनके जिन साथियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें रिहा किया जाए।

Apr 20, 2024 - 16:13
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किसानों के आंदोलन के चलते 500 ट्रेनें प्रभावित, चार दिन से लगातार जारी है आंदोलन 
500 trains affected due to farmers' agitation, agitation continues for four days

किसानों का रेल रोको आंदोलन अब विकराल रूप लेता जा रहा है। किसान लगातार चार दिन से आंदोलन पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि आंदोलन के दौरान उनके जिन साथियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें रिहा किया जाए। जेल में बंद किसानों की रिहाई को लेकर शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक किसानों ने रेल ट्रैक जाम कर दिया है। यह रेल ट्रैक चार दिन से जाम है। इस वजह से अंबाला रेल मंडल से गुजरने वाली 85 मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द किया है 22 मेल एक्सप्रेस को शार्ट ट्रमिनेट किया है तो 230  ट्रेनों के रूट बदले है। 
रेलवे अधिकारी के मुताबिक कुल 500 ट्रेनें इस आंदोलन से प्रभावित हुई है। प्रभावित हो रही ट्रेनों कि संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय यूपी-बिहार और अन्य राज्यों से पंजाब जाने वाले मजदूर कटाई खत्म करके अपने घर वापस लौटते हैं, लेकिन रेल ट्रैक जाम होने के चलते ये लोग वापस नहीं आ पा रहे हैं। कई मजदूर रेलवे स्टेशन में ही कैद होकर रह गए हैं। 
आम लोगों को ट्रेनों के रद्द होने से परेशानी उठानी पड़ रही है। बड़ी संख्या में लोगों को प्लेटफॉर्म पर ही रात बितानी पढ़ रही है। कई लोग घंटो से रेल का इंतजार कर रहे हैं। अंबाला रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ लग गई है, ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह से सफर कर रहे कई यात्रियों की ट्रेन बीच रास्ते में रद्द कर दी गई। आलम ये है की स्टेशन पर लोगों को बैठने तक की जगह नहीं मिल रही है।

आंदोलन पर क्यों उतरे किसान-

किसानों से फसलों की खरीद से जुड़े कानून में बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार ने कृषि बिल पेश किया था। इस बिल के जरिए हो रहे बदलावों से किसान ना खुश थे। यही वजह थी आंदोलन की शुरुआत की। पहले सिर्फ पंजाब हरियाणा के किसान सड़क पर उतरे थे, लेकिन बाद में अन्य राज्यों के किसान भी इसमें शामिल हुए और सरकार को यह बिल वापस लेना पड़ा। इसके बाद किसानों का आंदोलन रुका, लेकिन कुछ समय बाद फिर किसान सड़कों पर आ गए। किसानों की मांग उन किसानों को जेल से छोड़ने की है, जिन्हें आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। किसान चाहते हैं कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य के कानून बनाए जाएं। किसानों का कर्ज माफ किया जाए और आंदोलन में जिन किसानों की जान गई है। उनके परिवार को मुआवजा देने के साथ किसी एक सदस्य को नौकरी भी दी जाए।