हाईकोर्ट जज बनने पहुँचे 61 वकील इंटरव्यू में फेल

अब हाईकोर्ट जज बनना बिल्कुल भी आसान नहीं है। विगत तीन दशकों से वकीलों को हाईकोर्ट कोलेजिया की सिफारिश के आधार पर जज बनाया जाता था।

Apr 8, 2025 - 15:30
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हाईकोर्ट जज बनने पहुँचे 61 वकील इंटरव्यू में फेल
61 lawyers who came to become High Court judges failed in the interview
  • सीजेआई ने बदला सिफारिश का तरीका,
  • हाई कोर्ट कोलेजिया से इंटरव्यू के लिए पहुंचे थे 101 नाम

अब हाईकोर्ट जज बनना बिल्कुल भी आसान नहीं है। विगत तीन दशकों से वकीलों को हाईकोर्ट कोलेजिया की सिफारिश के आधार पर जज बनाया जाता था। इस कोलेजियम में सीजेआई की अध्यक्षता में कुल तीन सदस्य होते थे। इसकी सक्सेस रेट 85 से 90 फीसदी हुआ करती थी। मुश्किल से 10 से 15 फीसदी नामों को ही छांटा जाता था। हालांकि अब जज बनना आसान नहीं है क्योंकि अब सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम उनमें से 50 फीसदी से भी कम को मंजूरी देता है।हाल ही में 12 हाई कोर्ट के के लिए 101 नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम से की गई थी। हालांकि सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टस गवाई और कांत ने सबका इंटरव्यू लिया और उनमें से 49 को ही मंजूरी दी।

नई प्रक्रिया के तहत अब जज बनने के लिए एक इ्ंटरव्यू भी देना होगा। पहले सुप्रीम कोर्ट का कोलिजेयम यही देखता था कि वकील ने कितने महत्वपूर्ण केस लड़े हैं। इसके अलावा इंटेलिजेंस ब्यूरो से ऐडवोकेट कम्युनिटी में उनकी छवि के बारे में जानकारी ली जाती थी। हाई कोर्ट कोलेजिया द्वारा जिन नामों की सिफारिश की जाती थी उनमें से 10 से 15 फीसदी को उनकी छवि के आधार पर छांट दिया जाता था। इसके बाद बाकी नामों को केंद्र के पास भेज दिया जाता था। सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस बीआर गवाई और जस्टिस सूर्यकांत से सलाह के बाद फैसला किया कि हाई कोर्ट कोलेजिया की तरफ से जिन नामों की सिफारिश की जाएगी उनका इंटरव्यू भी जरूरी है।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।