8 मरे...सजा एक इंक्रीमेंट बंद?
न्यू लाइफ अस्पताल अग्निकांड में हुई 8 व्यक्तियों की मौत के मामले में सरकार की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की गई।
न्यू लाइफ अस्पताल अग्निकांड का मामला, हाईकोर्ट ने पूछा सजा से संतुष्ट हैं तो हलफनामा दो
न्यू लाइफ अस्पताल अग्निकांड में हुई 8 व्यक्तियों की मौत के मामले में सरकार की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की गई। सरकार की ओर से बताया गया कि तत्कालीन सीएचएमओ के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उनका एक इंक्रीमेंट रोका गया है। अस्पताल का निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों की टीम के खिलाफ विभागीय जांच लंबित है। चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने 8 व्यक्ति की मौत पर एक इंक्रीमेंट रोकने की सजा को गंभीरता से लिया। युगलपीठ ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि वह सजा से संतुष्ट है, इस संबंध में हलफनामे के साथ जवाब पेश करे। लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विशाल बघेल, शैलेन्द्र बारी व अन्य की ओर से दायर याचिका में जबलपुर में नियम विरुद्ध तरीके से प्राइवेट अस्पताल को संचालन की अनुमति प्रदान किये जाने को चुनौती दी गयी थी। याचिका में कहा गया था कि नियमों को ताक में रखकर संचालित न्यू लाइफ अस्पताल में हुए अग्नि हादसे में आठ व्यक्तियों की मौत हो गयी थी। आपातकालीन द्वार न होने के कारण लोग बाहर तक नहीं निकल पाये थे। कोरोना काल में विगत तीन साल में 65 निजी अस्पतालों को संचालन की अनुमति दी गयी है। जिन अस्पतालों को अनुमति दी गई है, उनमें नेशनल बिल्डिंग कोड, फायर सिक्योरिटी के नियमों का पालन नहीं किया गया है। जमीन के उपयोग का उद्देश्य दूसरा होने के बावजूद भी अस्पताल संचालन की अनुमति दी गयी है। बिल्डिंग का कार्य पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र नहीं होने के बावजूद भी अस्पताल संचालन की अनुमति प्रदान की गयी है। भौतिक सत्यापन किये बिना अस्पताल संचालन की अनुमति प्रदान की गयी है। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की गयी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से आपत्ति पेश करते हुए युगलपीठ को बताया गया था कि एक्शन टेकन रिपोर्ट में एफआईआर की वर्तमान स्थिति के संबंध में कोई जानकारी नही दी गयी है। इसके अलावा नियम विरुद्ध तरीके से अस्पताल संचालित करने की अनुमति देने वाले कितने अधिकारियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया, इसकी भी जानकारी नहीं है। किन अस्पतालों पर एक्शन लिया गया, इस संबंध में भी कोई जानकारी नहीं है। मामले में आगे हुई सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।