54.26 करोड़ रुपए पैरेन्ट्स को लौटाएंगे जबलपुर के 8 निजी स्कूल, कलेक्टर का फरमान, 74 हजार छात्रों को मिलेगी राशि, दो लाख जुर्माना भी ठोंका
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक बार फिर से उन निजी स्कूलों पर सख्त रवैया अख्तियार किया है, जिन्होंने बच्चों के पैरेंट्स से ज्यादा फीस वसूली। अब यदि स्कूल तय सीमा पर फीस वापिस नहीं करते हैं तो एक बार फिर से स्कूल वालों को एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जा सकता है।
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर।
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक बार फिर से उन निजी स्कूलों पर सख्त रवैया अख्तियार किया है, जिन्होंने बच्चों के पैरेंट्स से ज्यादा फीस वसूली। अब यदि स्कूल तय सीमा पर फीस वापिस नहीं करते हैं तो एक बार फिर से स्कूल वालों को एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जा सकता है। हालांकि, इससे पहले उनके पास कानूनी रास्ता भी खुला हुआ है। कलेक्टर दीपक सक्सेना की ओर से बनाई गई जिला समिति ने 8 प्राइवेट स्कूलों को 54 करोड़ 26 लाख रुपए पेरेंट्स को लौटाने का आदेश दिया है। सभी स्कूलों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। फीस लौटाने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। ये रुपए स्कूलों को सीधे पेरेंट्स के खाते में जमा करने होंगे। समिति ने जांच में पाया कि 74 हजार 369 छात्रों से 54 करोड़ 26 लाख रुपए ज्यादा वसूले गए हैं। इससे पहले, जिला प्रशासन ने 11 स्कूलों से 81 करोड़ रुपए छात्रों और अभिभावकों को वापस करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन सभी स्कूल प्रबंधन ने हाई कोर्ट पहुंच गए थे। मध्यप्रदेश निजी स्कूल (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 के तहत गठित जिला स्तरीय समिति ने जांच की थी।
इन स्कूलों पर कसा है शिकंजा-
छात्रों को पैसा लौटाने वालों की लिस्ट में माउंट लिट्रा जी स्कूल, विज्डम वैली स्कूल शास्त्री नगर व कटंगा, स्प्रिंग डे स्कूल अधारताल, अजय सत्य प्रकाश स्कूल पनागर, सत्य प्रकाश स्कूल पोलीपाथर, क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल, सेंट एलॉयसिस स्कूल पनागर व सेंट जोसेफ स्कूल टीएफआरआई शामिल हैं।
और भी कई स्कूल जांच के घेरे में-
जिला समिति ने बुधवार को इसका आदेश जारी किया। कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने प्राइवेट स्कूलों को आदेश देते हुए कहा कि जितनी जल्दी हो, बढ़ी हुई फीस वापस की जाए। कलेक्टर के मुताबिक पेरेंट्स से अवैध रूप से फीस वसूलने वाले और स्कूलों के खिलाफ जांच की जाएगी।
-कैसे हुआ था खुलासा
मध्यप्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए साल 2018 में मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमियन) अधिनियम 2017 लागू किया था। 25 जनवरी 2018 को राजपत्र में इसका प्रकाशन हुआ। छह साल तक ये कानून ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। 27 मई को जबलपुर कलेक्टर ने इसी कानून का सहारा लेकर 11 प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ न केवल कार्रवाई की, बल्कि 11 स्कूल संचालकों समेत 51 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की थी।