81 वर्षीय यशोदा अम्मा ने कई महिलाओं को जोड़ा स्वरोजगार से, सुपारी गणेश बनाकर 10 सालों में बनीं मिसाल 

उम्र सिर्फ नंबर है, किसी भी काम को करने का जज्बा हो, तब उम्र नहीं देखी जाती। जबलपुर शहर के अधारताल में रहने वाली 81 वर्षीय यशोदा प्रजापति ने लगभग 10 साल पहले सुपारी से गणेश जी बनाने का काम शुरू किया था।

Sep 6, 2024 - 15:32
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81 वर्षीय यशोदा अम्मा ने कई महिलाओं को जोड़ा स्वरोजगार से, सुपारी गणेश बनाकर 10 सालों में बनीं मिसाल 
81-year-old Yashoda Amma connected many women with self-employment, set an example in 10 years by making betel nut Ganesh
81 वर्षीय यशोदा अम्मा ने कई महिलाओं को जोड़ा स्वरोजगार से, सुपारी गणेश बनाकर 10 सालों में बनीं मिसाल 
81 वर्षीय यशोदा अम्मा ने कई महिलाओं को जोड़ा स्वरोजगार से, सुपारी गणेश बनाकर 10 सालों में बनीं मिसाल 
81 वर्षीय यशोदा अम्मा ने कई महिलाओं को जोड़ा स्वरोजगार से, सुपारी गणेश बनाकर 10 सालों में बनीं मिसाल 

उम्र सिर्फ नंबर है, किसी भी काम को करने का जज्बा हो, तब उम्र नहीं देखी जाती। जबलपुर शहर के अधारताल में रहने वाली 81 वर्षीय यशोदा प्रजापति ने लगभग 10 साल पहले सुपारी से गणेश जी बनाने का काम शुरू किया था। आज उनके काम को शहर के लोगों ने इस कदर सराहा की अब हर कोई इन सुपारी के गणेश भगवान को घर में स्थापित करने को तैयार है। यशोदा प्रजापति को हर साल पहले से भी अधिक ऑर्डर मिलते हैं। जिससे उनका उत्साह पहले से दोगुना हो जाता है। पहले तो इस पहल को इन्होंने अकेले ही शुरू किया था, लेकिन समय के साथ इन्हें लोगों का भी साथ मिलता गया और स्थिति यह है कि छोटी-छोटी बच्चियां भी उनके साथ इस काम को करती हैं। नौ सुपारी से बने यह गणेश जी नव ग्रह को भी प्रदर्शित करते हैं। वर्तमान समय में इस कार्य को गायत्री शक्ति पीठ और ह्यूमैनिटी ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से किया जा रहा है। 

इकोफ्रेंडली गणेश प्रतिमा का प्रतीक हैं सुपारी के गणेश 

सुपारी से निर्मित इन गणेश जी की प्रतिमाओं की स्थापना से अनेक सार्थक उद्देश्य पूर्ण हो रहे हैं। यशोदा प्रजापति जो की अकेले रहती है। वह इन गणेश प्रतिमाओं को बनाकर स्वरोजगार से जुड़ी हुई हैं। उनकी इस पहल को देखकर अन्य महिलाएं और बच्चियां भी प्रेरित होकर इस कार्य को करते हुए स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही हैं। सुपारी के गणेश जी की खासियत है कि यह पूरी तरह से इकोफ्रेंडली हैं। जिन्हें स्थापित कर पूजन के बाद आसानी से विसर्जित किया जा सकता है। इन्हें यदि विसर्जित न करना हो तो इन्हें मंदिर में हमेशा के लिए भी रखा जा सकता है। इनमें नौ सुपारियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो कि नव ग्रह को पूरा करती है। इनका सुंदर श्रृंगार हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। इनसे एकत्र हुई राशि से यशोदा अम्मा के साथ ही कई महिलाओं को आर्थिक मदद मिलती है। साथ ही इसका एक भाग दीनदयाल स्थित भोला नगर बस्ती जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए दिया जाता है। जिसकी जिम्मेदारी ह्यूमैनिटी ऑर्गेनाइजेशन देख रही है। यह कौशल विकास, स्वरोजगार एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी प्रभावशाली पहल है। 

गोबर से भी बन रहीं गणेश प्रतिमाएं 

इकोफ्रेंडली गणेश बनाने के लिए गोबर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सुपारी के साथ ही गोबर गणेश प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। जिन्हें काफी आकर्षक रूप दिया गया है। इन प्रतिमाओं को आम पूजा के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हिंदू संस्कृति में गोबर गणेश का अलग ही महत्व है। जिसे समझते हुए अब गोबर गणेश भी तैयार किए जाने लगे है। सुपारी गणेश 151 रुपए में प्रदान किए जा रहे हैं। यह सिर्फ जबलपुर ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।