UP News : झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग,10 नवजात शिशुओं की मौत
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन कक्ष में शुक्रवार देर रात शॉर्ट सर्किट से दर्दनाक हादसा हो गया। इस भीषण हादसे में 10 नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया जबकि 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
उतरप्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी (Jhansi) के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज (Medical College) में शुक्रवार देर रात शॉर्ट सर्किट ने कई परिवारो की खुशियों को छिन लिया। NICU में बीती रात आग लगते ही अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई | शिशु वार्ड के बाहर इंतजार कर रहे माता-पिता में चीख-पुकार शुरू हो गई। कुछ ही देर मे आग ने बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया।
भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई, वही 37 बच्चों को खिड़की तोड़कर बाहर निकाल कर बचा लिया गया। जिस वक्त यह आग लगी उस दौरान शिशु वॉर्ड में करीब 50 से अधिक बच्चे थे।
हादसे की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और सेना को भी बुला गया। सेना एवं दमकल की गाड़ियां की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद आग आग पर काबू पाया गया। दमकल कर्मियों ने वार्ड की खिड़कियां तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रातकरीब पौने ग्यारह बजे एनआइसीयू से धुआं निकलता दिखा। वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया। प्रशासन को जब तक कुछ समय में आता, आग की लपटें उठने लगी। कुछ ही देर में आग ने वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई।
झांसी अस्पताल के बाहर रूह कंपा देने वाला दृश्य...जन्म होते ही नवजात बच्चों ने देख ली मौत
उत्तर प्रदेश के झांसी का अस्पताल 10 बच्चों की मौत के बाहर रूह कंपाने वाले हृदय विदारक दृश्य से गुजर रहा है। अस्पताल के बाहर रोते-बिलखते परिजन जहां नजर आ रहे हैं, वहीं बदहवास माताएं अपने बच्चों का चेहरे देखने के लिए बिलख रही हैं। परिवार के लोग हाथों में बच्चों के जले शव लिए बाहर निकल रहे हैं।
अस्पताल में लगी आग के बाद वहां माताओं की चित्कार परिवारों का रूदन गूंज रहा है। वातावरण इतना हृदय विदारक है कि परिजन मृत बच्चों के शव हथेली में लेकर बाहर निकले तो पूरा माहौल चीखों से गूंजने लगा। रोती-बिलखती मां बच्चों का चेहरा देखने के लिए बदहवास थी। एक बच्चे की मां ने रोते हुए बताया कि उनके घर की पहली किलकारी अस्पताल ने छीन ली। पांच बच्चों के परिजन तो अपने बच्चों को आग से बचाकर कहां ले गए, यह अभी तक पता नहीं चला है।
घटना शार्ट सर्किट से नहीं, वजह कुछ और...
पहले जहां घटना के लिए शार्ट सर्किट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, वहीं घटना को लेकर नई थ्योरी सामने आई है। एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि अस्पताल में रखा ऑक्सीजन सिलेंडर काफी पुराना था। उसके पाइप को जोड़ने के लिए एक नर्स ने जैसे ही माचिस की तीली जलाई पूरे वार्ड में आग लग गई, वहीं वहां मौजूद अग्निशमन यंत्र भी काफी पुराने थे और उनकी एक्सपायरी डेट भी सालों पहले गुजर गई थी। यानी वे आग बुझाने के लायक नहीं थे।