मेरठ में बारिश से ढह गई तीन मंजिला इमारत, एक ही परिवार के 15 लोग मलबे में दबे
उत्तर प्रदेश के मेरठ में शनिवार शाम बरसात के चलते एक तीन मंजिला ढह गई, जिसमे परिवार के लगभग 15 लोग दब गए। रविवार सुबह 3 बजे तक लगभग 10 घंटो के रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 लोगों को मलबे से बाहर निकलकर अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमे जिलाधिकारी के मुताबिक 6 लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में शनिवार शाम बरसात के चलते एक तीन मंजिला ढह गई, जिसमे परिवार के लगभग 15 लोग दब गए। रविवार सुबह 3 बजे तक लगभग 10 घंटो के रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 लोगों को मलबे से बाहर निकलकर अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमे जिलाधिकारी के मुताबिक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। 4 लोगों के अभी भी मलबे में दब होने की आशंका है।
शनिवार शाम लगभग 5 बजे ये तीन मंजिल मकान इतना तेजी से भरभरा कर ढह गया कि घर में मौजूद लोगो को निकलने का मौका ही नही मिला। सूचना इलाके में आग की तरह फैली और देखते ही देखते हजारों की भीड़ घटनास्थल पर पहुंचने लगी, लेकिन एक के ऊपर एक, तीन भारी लेंटर की परतों के सामने हजारों की भीड़ भी बेबस नजर आई और मलबे में दब लोगो को निकलने में नाकामयाब रही।
मैनुअली दिया गया रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम-
सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस और फायर सर्विस के जवान पहुंचे और स्थानीय नागरिको के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। मुस्लिम बहुल इलाके जाकिर कालोनी की तंग गलियां होने की वजह से जेसीबी जैसी मशीनें घटनास्थल पर नही पहुंच पा रही थी, इसलिए मैनुअली रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
डेरी चलता था परिवार-
जाकिर कालोनी की तंग गलियों में 300 गज एरिया में बने इस तीन मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर पर भैंस पाल कर ये परिवार डेरी चलाता है, 2 दर्जन से ज्यादा भैंस भी इस मलबे में दबने की जानकारी मिली। ऊपर दो फ्लोर पर बने घरों में 63 वर्षीय नफीस और उसके तीन बेटों के परिवार रहते थे। जिनमें तीन महिलाएं, एक पुरुष और 8 से 10 बच्चे इस मलबे में दब होने की जानकारी सामने आई।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की ली गई मदद-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी से घटना की जानकारी ली तो प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। देखते ही देखते कमिश्नर शेल्वा कुमारी जे, एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर सहित जिले के तमाम अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचने लगे। कमिश्नर ने मीडिया को बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तीन को बुलाया गया है, साथ ही आर्मी से भी मदद मांगी गई है।
रात में रेस्क्यू ऑपरेशन में आईं दिक्कतें-
इस घटना के चार घंटे बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने आकर मोर्चा संभाला और छोटी मशीनों की मदद से सरिया काट कर और हथौड़ों से तोड़कर लेंटर का मलबा हटाया गया। रात में अंधेरा, बरसात और तंग गलियों में भीड़ की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में खासी दिक्कतें आती रहीं। रविवार सुबह तीन बजे तक लगभग 10 घंटो के रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 लोगो को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया जिनमे से 6 लोगों की मौत की पुष्टि मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीना ने की हैइस परिवार के कुछ सदस्य घर के बाहर थे, जो इस हादसे का शिकार होने से बच गए, उनके बयानों के अनुसार प्रशासन मान रहा है कि घटना के वक्त इस मकान में, परिवार और उनके परिचित मिलाकर लगभग को लगभग 15 लोग रहे। सुबह तक 11 लोगो को मलबे से निकाला गया है, अभी भी 4 लोगो के मलबे में दब होने की आशंका है।