100 साल बाद पेरिस में एक बार फिर खेल का महाकुंभ, ओलंपिक में देखने मिलेगी लैंगिक समानता 

फैशन के शहर पेरिस में शुक्रवार से 33वें ओलंपिक की शुरुआत होने जा रही है। पेरिस 100 साल बाद फिर खेलों के महाकुंभ की मेजबानी कर रहा है। इतिहास में पहली बार ओलंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह स्टेडियम में नहीं होगा।

Jul 26, 2024 - 16:39
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100 साल बाद पेरिस में एक बार फिर खेल का महाकुंभ, ओलंपिक में देखने मिलेगी लैंगिक समानता 
After 100 years, once again the great sports festival is held in Paris, gender equality will be seen in the Olympics

फैशन के शहर पेरिस में शुक्रवार से 33वें ओलंपिक की शुरुआत होने जा रही है। पेरिस 100 साल बाद फिर खेलों के महाकुंभ की मेजबानी कर रहा है। इतिहास में पहली बार ओलंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह स्टेडियम में नहीं होगा। एथलीट दर्शकों के सामने पेरिस से होकर बहने वाली नदी सीन के किनारे नावों में परेड करेंगे। प्रत्येक राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल की नौकाओं में कैमरे लगे होंगे, जिससे टीवी और ऑनलाइन पर देख रहे दर्शक पूरी गतिविधि को करीब से देख सकेंगे। परेड ट्रोकाडेरो के सामने 6 किमी के अपने मार्ग पर समाप्त होगी, जहां समारोह के अंतिम चरण और उत्सव शो होंगे। बीचबॉल की स्पर्धा ऐतिहासिक एफिल टावर के बगल में होगी।

इस बार दिखेगी लैंगिक समानता-

इस ओलंपिक में लैंगिक समानता भी देखने को मिलेगी। कुल 10,500 खिलाड़ियों में आधी महिलाएं होंगी। पेरिस खेलों का पारंपरिक समापन समारोह पुरुषों की मैराथन की जगह महिलाओं की मैराथन से होगा। इस बार 32 में से 28 खेल ऐसे हैं जिसमें पुरुष और महिला दोनों भाग लेंगे।

भारत का लक्ष्य, दस से ज्यादा पदक-

भारतीय दल सफलता का नया इतिहास लिख सकता है। पिछली बार टोक्यो ओलंपिक में सर्वाधिक सात पदक जीते थे। इस बार पदकों की संख्या दोहरे अंकों में पहुंचाने का लक्ष्य होगा। भारत को भालाफेंक, निशानेबाजी, बैडमिंटन, मुक्केबाजी और कुश्ती से तो पदक की उम्मीद है ही। इस बार कुछ नए खेलों में भी खाता खुल सकता है। कई स्पर्धाओं में दो पदक की भी उम्मीद है।

सिंधू और शरत होंगे भारतीय ध्वजवाहक-

खिलाड़ियों के मार्चपास्ट में दो पदक जीत चुकीं बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू और टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंत शरत कमल भारत के ध्वजवाहक होंगे। 117 सदस्यीय भारतीय दल में 70 खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक में शिरकत करने जा रहे हैं। इनमें 29 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। 117 सदस्यीय दल में 47 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें एक या उससे अधिक ओलंपिक खेलने का अनुभव है। इनमें पुरुष हॉकी टीम समेत पांच पदक विजेता भी शामिल हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक जीते थे। इनमें स्वर्ण जीतने वाले जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा, रजत जीतने वाली वेटलिफ्टर मीराबाई चानू, कांस्य जीतने वाली मुक्केबाज लवलीना, शटलर पीवी सिंधू के अलावा पुरुष हॉकी टीम पदक के लिए एक बार फिर जोर-आजमाइश करेंगे।

इनसे है पदक की उम्मीद-

नीरज चोपड़ा, किशोर जेना (भालाफेंक), मीराबाई चानू (भारोत्तोलन), पीवी सिंधू, सात्विक-चिराग (बैडमिंटन), विनेश फोगाट, अंतिम पंघाल (कुश्ती), लवलीना बोरगोहेन, निकहत जरीन(मुक्केबाजी), मनु भाकर, सिफत कौर(निशानेबाजी)।

फलस्तीन टीम का तोहफों और तालियों से स्वागत-

फलस्तीन के ओलंपिक दल का यहां पहुंचने पर लोगों ने तालियों और तोहफों के साथ स्वागत किया और तोहफों में खाने का सामान और गुलाब के फूल शामिल थे। पेरिस हवाई अड्डे से बाहर निकलकर फलस्तीन के खिलाड़ियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब तक 39000 फलस्तीनियों की जान ले चुके इस्राइल-हमास युद्ध के बीच उनकी मौजूदगी संकेत की तरह होगी। खिलाड़ियों, फ्रांस के समर्थकों और राजनीतिज्ञों ने यूरोपीय देशों से फलस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया है। कई ने ओलंपिक में इस्राइली खिलाड़ियों के खेलने पर नाराजगी जताई है जिन्होंने इस्राइल पर युद्धापराध और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप लगाए हैं।