27 साल बाद दिल्ली में खिला कमल, शीशमहल में नहीं रहेंगे नए सीएम
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 27 साल बाद शानदार वापसी की है। बीजेपी ने शराब घोटाले से लेकर शीशमहल जैसे मुद्दों को उठाया।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 27 साल बाद शानदार वापसी की है। बीजेपी ने शराब घोटाले से लेकर शीशमहल जैसे मुद्दों को उठाया। चुनाव में जीत के बाद बीजेपी अब इस मुद्दे को लेकर आगे बढ़ने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी की तरफ से जिसे सीएम बनाया जाएगा वो इस घर में नहीं रहेगा।
म्यूजियम में बदला जाएगा शीशमहल-
इस घर को कुछ समय के लिए म्यूजियम में बदल दिया जाएगा और इसे सार्वजनिक रूप से खोला जाएगा, ताकि लोग जान सकें कि इस बंगले के निर्माण में केजरीवाल ने कितना खर्च किया है। दरअसल उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित फ्लैगस्टाफ रोड पर बंगले नंबर-6 को बीजेपी ने शीशमहल का नाम दिया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस घर में रहते थे। बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल ने इस घर पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे।
केजरीवाल पर क्या थे आरोप-
फ्लैगस्टाफ रोड आवास में अवैध निर्माण करायारेनोवेशन के नाम पर नियम तोड़े गए। 2 सरकारी बंगलों को मिलाकर आलीशान महल बनाया। बीजेपी ने केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि इस घर में करोड़ रुपये का खर्च किया गया है। पूरे घर को लग्जरी होटल की तरह बनाया गया है। बीजेपी ने इस घर से जुड़े कई वीडियो भी शेयर किए थे।
केजरीवाल एक घर से संतुष्ट नहीं थे:अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास शीश महल को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। अमित शाह ने जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल एक घर से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने शीश महलबनवाया। शाह ने कहा था कि 2013 में केजरीवाल कहते थे कि सीएम बनने के बाद वह घर, कार या सुरक्षा नहीं लेंगे। लेकिन उन्होंने कार और बंगला भी ले लिया। वह एक घर से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने शीश महल बनवाया। ये करोड़ों रुपये किसका है? यह दिल्ली के लोगों का है।