72 साल बाद सावन पर बन रहा ऐसा शुभ योग- पूरी होगी हर मनोकामना
सावन पर 72 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग देखने मिल रहा है। ज्योतिषो के मुताबिक इस बार सावन बेहद खास हैं। मान्यतानुसार भगवान शिव को प्रिय सावन मास में बन रहे संयोग में उनकी आराधना करने से हर तरह के दुख दूर हो जाएंगे, जीवन में संपन्नता आएगी।
सावन पर 72 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग देखने मिल रहा है। ज्योतिषो के मुताबिक इस बार सावन बेहद खास हैं। मान्यतानुसार भगवान शिव को प्रिय सावन मास में बन रहे संयोग में उनकी आराधना करने से हर तरह के दुख दूर हो जाएंगे, जीवन में संपन्नता आएगी। ज्योतिष के मुताबिक, इस बार सावन पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ग्रह-नक्षत्र के ये संयोग इस सावन को बेहद शुभ फलदायी बना रहे हैं। इस बार एक-दो नहीं चार शुभ संयोग हैं।
22 जुलाई से शुरू हो रहा सावन-
वैदिक पंचाग के मुताबिक, इस बार सावन 22 जुलाई, सोमवार से शुरू हो रहा है। इस बार सावन माह में 5 सोमवार पढ़ रहे है। 29 दिनों तक शिवभक्त अपने आराध्य की पूजा-अर्चना कर सकेंगे। इससे उनकी हर मनोकामनाएं पूरी होंगी।
सावन की शुरुआत 22 जुलाई की सुवह 05 बजकर 37 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रही है. वहीं, समापन 19 अगस्त दिन सोमवार को ही है। सोमवार, प्रीति योग और आयुष्मान योग का भी अनूठा संयोग बन रहा है। ज्योतिष का कहना है कि 18 अगस्त को शुक्ल पक्ष चतुर्दशी की क्षय तिथि लग रही है, इसलिए पूर्णिमा का प्रवेश 19 अगस्त को हो रहा है। जैसे ही पूर्णिमा शुरू होगी वैसे ही भद्रा काल भी शुरू हो जाएगा, जो दोपहर 1.32 बजे तक रहेगा।
-सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें
-व्रत रख रहे हैं तो हाथ में पवित्र जल, अक्षत, फूल लेकर संकल्प लें
-गंगाजल और पंचामृत से देवाधिदेव का अभिषेक करें और विधिवत शिव परिवार की पूजा करें
-धूप-दीप, बेलपत्र, भंग, अक्षत, धतूरा, फल, फूल चढ़ाएं
-घर में बने मंदिर या पूजा स्थल पर दीपक जलाएं
-सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat) की कथा सुनकर शिव परिवार और -सभी देवी-देवताओं का ध्यान करें
-श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की आरती करें
-ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और भगवान शिव से गलतियों की क्षमा मांगें