लैंडिंग के बाद समुद्र में तैर रहा था सुनिता विलियम्स को लेकर आया कैप्सूल, बोट से रस्सी के सहारे आईं बाहर
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 9 महीने से अधिक समय अंतरिक्ष में बिताने के बाद पृथ्वी पर वापसी की है। उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैंड हुआ। जब स्पेसक्राफ्ट का हैच यानी दरवाजा बंद हो गया, तब इन दोनों को पृथ्वी पर लौटने में करीब 17 घंटे का समय लगा।

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 9 महीने से अधिक समय अंतरिक्ष में बिताने के बाद पृथ्वी पर वापसी की है। उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैंड हुआ। जब स्पेसक्राफ्ट का हैच यानी दरवाजा बंद हो गया, तब इन दोनों को पृथ्वी पर लौटने में करीब 17 घंटे का समय लगा। इसके बाद, बोट से टीम ने स्पेसक्राफ्ट का हैच खोला और दोनों को बाहर निकाला, फिर उनकी मेडिकल जांच की गई। सुनीता और बुच के क्राफ्ट के लैंड होने के बाद उन्हें निकालने का वीडियो भी जारी किया गया।
नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर फ्लोरिडा के तल्हासी में स्पेस एक्स क्रू-9 के सफल स्प्लैशडाउन के बाद धरती पर लौटे। उन्हें रेस्क्यू करने के लिए कर्मी बोट पर सवार थे। सुनीता और अन्य अंतरिक्ष यात्री को समुद्र में तैरते कैप्सूल से रिकवरी पोत मेगन पर चढ़ाया गया। इसके बाद टीम ने स्पेसएक्स ड्रैगन क्राफ्ट का हैच खोला और चालक दल के सदस्य को एक-एक करके कैप्सूल से बाहर निकाला।
पैराशूट के साथ लैंडिंग करते हुए ड्रैगन कैप्सूल, जो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आ रहा था, समंदर में उतरा। कैप्सूल के समंदर में उतरने के बाद लगभग 10 मिनट तक सिक्यॉरिटी चेक किया गया। इसके बाद, कैप्सूल को खोला गया, लेकिन पहले यह सुनिश्चित किया गया कि अंदर और बाहर का तापमान समान हो। समंदर में लैंड करने के बाद, कैप्सूल के तापमान के सामान्य होने तक इंतजार किया गया। इस दौरान, बोट कैप्सूल के आसपास रही और कुछ समय बाद यात्रियों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला गया।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल जून में नासा के क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन के लिए गए थे। यह मिशन बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की क्षमता की जांच करने के लिए था, जो एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक लेकर जाने और वापस लाने में सक्षम है। यह मिशन केवल आठ दिन का था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण वापसी में देरी होती रही। इस तरह, आठ दिन का मिशन 9 महीने से ज्यादा समय तक चला। सुनीता विलियम्स की वापसी के बाद नासा ने पुष्टि की कि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ है और सभी अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं।