लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मध्य प्रदेश की इन सीटों पर हो सकते हैं विधानसभा उपचुनाव
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मध्य प्रदेश की आधा दर्जन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के हालात बन सकते हैं। 2 सीटों पर उपचुनाव लगभग तय हैं, जबकि दो सीटों पर जल्द उपचुनाव के हालात बनने के संकेत मिल रहे हैं। जबकि 4 सीटों पर उपचुनाव उसी स्थिति में बनेगी, जब लोकसभा चुनावों में परिणाम कांग्रेस पार्टी के पक्ष में आते हैं।
कांग्रेस के तीन विधायकों ने पार्टी छोड़ी, 4 विधायक लड़ रहे लोकसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मध्य प्रदेश की आधा दर्जन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के हालात बन सकते हैं। 2 सीटों पर उपचुनाव लगभग तय हैं, जबकि दो सीटों पर जल्द उपचुनाव के हालात बनने के संकेत मिल रहे हैं। जबकि 4 सीटों पर उपचुनाव उसी स्थिति में बनेगी, जब लोकसभा चुनावों में परिणाम कांग्रेस पार्टी के पक्ष में आते हैं। मौजूदा स्थिति में कांग्रेस के एक विधायक अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। जबकि भाजपा के एक विधायक के लोकसभा चुनाव जीतने की प्रबल संभावना है, जिसके बाद उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना होगा। दो कांग्रेस विधायकों ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। लेकिन अभी तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। इनके इस्तीफा देने या कांग्रेस की ओर से इनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की स्थिति में सदस्यता जा सकती है और उपचुनाव की नौबत आएगी।
यहां उपचुनाव की संभावना-
-जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की संभावना है उसमें छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट भी शामिल है। अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने 29 मार्च को अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। विधानसभा अध्यक्ष ने 30 अप्रैल को उनका इस्तीफा मंजूर करते हुए अमरवाड़ा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है।
-बुदनी से विधायक पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। चौहान के चुनाव जीतने की प्रबल संभावना है। फिर से भाजपा सरकार बनने की स्थिति में चौहान को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। ऐसे में उन्हें विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा।
-बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने 5 मई को भाजपा की सदस्यता ली है। हालांकि उन्होंने विधायक पद और कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है। हालांकि कांग्रेस उन पर कार्रवाई करने की तैयारी कर चुकी है। 4 जून के बाद कार्रवाई हो सकती है।
-विजयपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने 30 अप्रैल को भाजपा की सदस्यता ली थी और कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया। इसके बाद वे भाजपा के पक्ष में प्रचार भी करते नजर आए। लेकिन उन्होंने भी न तो विधायक पद से और न कांग्रेस से इस्तीफा दिया। वे बार-बार बयान बदलने से सुर्खियों में हैं।
-कांग्रेस ने सतना लोस सीट से विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है जिन्होंने भाजपा प्रत्याशी सांसद गणेश सिंह को विधानसभा चुनाव में हराया था। इस चुनाव में भी कुशवाह ने अच्छी टक्कर दी है। वे जीते तो विस सीट छोड़नी होगी।
-कांग्रेस ने विधायक ओमकार सिंह मरकाम को मंडला लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। मरकाम ने यहां कड़ी टक्कर दी है। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा से मैदान में हैं जो निवास सीट से विस चुनाव में कांग्रेस से हार गए थे। परिणाम पक्ष में आया तो मरकाम को डिंडोरी सीट छोड़नी होगी।
-कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को शहडोल लोकसभा से लड़ रहे हैं। मार्को की गोंड जनजातीय वर्ग में अच्छी साख है, उनके सामने मौजूदा सांसद हिमाद्री सिंह हैं। परिणाम कांग्रेस के पक्ष में गया, तभी पुष्पराजगढ़ से मार्को इस्तीफा देंगे।
-कांग्रेस ने तराना से तीन बार के विधायक महेश परमार को उज्जैन लोकसभा सीट से उतारा है। भाजपा के अनिल फिरोजिया दूसरी बार मैदान में हैं। फिलहाल यहां बढ़त भाजपा की ही नजर आ रही है। परमार जीते तो विधायक पद से इस्तीफा देकर लोकसभा सीट को तवज्जो देंगे।