जवाब न देने पर एयरलाइंस कंपनियों पर होगा जुर्माना
डुमना एयरपोर्ट के विस्तार में साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी जबलपुर से बड़े शहरों के लिए घटती एयर कनेक्टिविटी पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है।

जबलपुर में एयर कनेक्टिविटी घटने से जुड़ी याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। डुमना एयरपोर्ट के विस्तार में साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी जबलपुर से बड़े शहरों के लिए घटती एयर कनेक्टिविटी पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले पर जवाब न देने के विमानन कंपनियों के रवैये को आड़े हाथों लिया है। विमानन कंपनियों ने फ्लाइट ऑपरेशन को अपना निजी व्यापार बताकर कोर्ट में जवाब देने से बचने की कोशिश की थी, जिस पर कोर्ट ने कहा कि ये जनहित का विषय है इसीलिए विमान कंपनियों को कोर्ट में जवाब देना ही होगा। इसी के साथ हाईकोर्ट ने विमान कंपनियों को अपना जवाब पेश करने की अंतिम मोहलत दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर विमान कंपनियां जवाब नहीं देती तो उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
-जबलपुर की जरूरत के विमान उपलब्ध नहीं
हाईकोर्ट चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई की। इंडिगो कम्पनी की तरफ से बताया गया कि यह प्राइवेट एयरलाइंस हैं और संचालन उनका निजी व व्यवसायिक मामला है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ये व्यापक जनहित से जुड़ा मुद्दा है और इस पर कोर्ट दखल दे सकता है। चीफ जस्टिस की युगल पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट को ये अधिकार है कि वो इसमें हस्तक्षेप कर सकती है। इस पर इंडिगो कंपनी के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि उनके पास बड़े एयरक्राफ्ट है और जबलपुर एयरपोर्ट छोटा है। यहां पर छोटी फ्लाइट ही चलाई जा सकता है और वो उनके पास उपलब्ध नहीं हैं। इस वजह से जबलपुर से फिलहाल फ्लाइट चलाना संभव नहीं है।
इंडिगो के अलावा अन्य विमान कंपनियों ने भी अपनी व्यावहारिक परेशानियों का हवाला देते हुए कहा कि फ्लाइट चलाने में परेशानियां आ रही हैं।
-नया पक्षकार बनाए कम्पनी
हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तारीख तय कर दी है। हाईकोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान एयरलाइंस कंपनी को नया पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए उनको भी दो सप्ताह में जवाब देने को कहा हैं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में ये याचिका नागरिक उपभोक्ता मंच ने दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हाल ही में जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का विस्तार करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपयों की लागत से किया गया है लेकिन एयरपोर्ट विस्तार के बाद फ्लाइट्स की संख्या बढ़ने की बजाय घटती जा रही हैं।
याचिका में बताया गया कि जबलपुर में एक समय 15 से ज्यादा फ्लाइट चलती थी।
-सिर्फ पांच उड़ानें शेष
जबलपुर से मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता, दिल्ली, भोपाल, इंदौर व बिलासपुर सभी तरफ के लिए विमान उड़ान भरती थीं, लेकिन आज की स्थिति में केवल पांच फ्लाइट्स ही बची हैं। धीरे-धीरे बाकी सभी फ्लाइट्स बंद हो गई।
जबलपुर जो कभी इंदौर, ग्वालियर और भोपाल के साथ हवाई यात्रा के मामले में कदमताल मिलाकर चल रहा था, उसमें अब बहुत पीछे रह गया है। जबलपुर से फ्लाइट बंद कर दिए जाने से फ्लायर्स की परेशानी का भी हवाला दिया गया।