लोकसभा चुनाव में लड़ने वाले सभी ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों की जमानत जब्त
इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सभी तीन ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है, जो देश में राजनीतिक प्रतिनिधित्व पाने के लिए इस समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करता है। भारत में अभी तक किसी ट्रांसजेंडर ने लोकसभा चुनाव नहीं जीता है।
तीनों ने निर्दलीय के रूप में लड़ा था चुनाव
इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सभी तीन ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है, जो देश में राजनीतिक प्रतिनिधित्व पाने के लिए इस समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करता है। भारत में अभी तक किसी ट्रांसजेंडर ने लोकसभा चुनाव नहीं जीता है। तीनों ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था।
धनबाद से चुनाव लड़ने वाली सुनैना किन्नर को 3,462 मत मिले। दक्षिणी दिल्ली से उम्मीदवार राजन सिंह को 325 मत मिले। दमोह (मध्य प्रदेश) से चुनाव लड़ने वाली दुर्गा मौसी को 1,124 मत मिले। इनमें से कोई भी ट्रांसजेंडर उम्मीदवार जीत के करीब भी नहीं पहुंच पाया और सभी अपनी जमानत राशि बचाने में भी असफल रहे। निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक जो उम्मीदवार कुल वैध मतों का कम से कम छठा हिस्सा प्राप्त करने में असफल रहते हैं उनकी जमानत राशि जब्त हो जाती है।
क्या रहे देशभर में नतीजे?
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा के सभी 543 निर्वाचन क्षेत्र के लिए अंतिम परिणाम जारी कर दिये हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी को 240 और कांग्रेस को 99 सीटों पर विजयी घोषित किया गया है। बता दें कि लोकसभा में 543 सदस्य हैं, लेकिन सूरत से बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद 542 सीटों के लिए मतगणना हुई। बुधवार को जारी किए गए अंतिम परिणाम के मुताबिक एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं। बीजेपी के उम्मीदवारों ने इस बार भी मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी 240 सीट जीत पाई जोकि बहुमत के लिए 272 सीट के आंकड़े से कम है। ऐसे में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए एनडीए के सहयोगी दलों के समर्थन की जरूरत है।