जीत के लिए मेहनत के साथ किस्मत भी जरूरी
खेल में मेहनत और प्रदर्शन के साथ भाग्यशाली होना जरूरी है। जिस दिन आपका मैच हो... वह दिन आपका होना ही जीत का रास्ता तय करता है।
खेल में मेहनत और प्रदर्शन के साथ भाग्यशाली होना जरूरी है। जिस दिन आपका मैच हो... वह दिन आपका होना ही जीत का रास्ता तय करता है। पेरिस ओलंपिक...टेबल टेनिस में भारत की युवा श्रीजा अकुला...का पूरा मैच यदि नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा...। काश यह दिन श्रीजा का होता...
बुधवार की देर रात चीन की सुन यिनगशा से 4-0 से हार गईं। वे दुनिया की नंबर 1 खिलाडी हैं। खेल शुरू होते ही श्रीजा ने आक्रमण किए और देखते ही देखते 10-6 से लीड ले ली लेकिन यिनगशा भी कहाँ हार माने वाली थीं उन्होंने लगातार 6 अंक हासिल कर गेम 12-10 से अपने नामकर लिया। वेस्ट आफ सेवन में अगला गेम शुरू हुआ...श्रीजा के वही तेवर थे शानदार प्रदर्शन कर विश्व विजेता को आश्चर्य चकितकर दिया इस बार भी लीड 10-5 पर जा पहुंची...फिर यिनगशा ने खेल बदला श्रीजा को 10 अंक पर रोक दिया और 12-10 से दूसरा गेम जीत लिया। श्रीजा थोड़ा निराश हुईं लेकिन खेल जारी रखा तब तक चीनी खिलाडी फ़ार्म में आ चुकी थी। तीसरा व चौथा गेम भी 10-8, 10-3 से जीत लिया। इस तरह श्रीजा का ओलम्पिक में सिंगल्स का सफर थम गया। काश पहले 2 गेम में श्रीजा को भाग्य का सहारा मिला होता तो शायद आज विश्व की नंबर वन प्लेयर को हराने का कारनामा गूंज रहा होता। 26 साल की युवा खिलाडी श्रीजा विश्व की दूसरे नंबर की खिलाडी को कुछ माह पहले हरा चुकी हैं...काश कल के दिन मेहनत को भाग्य का साथ मिला होता।
-रविंद्र दुबे