चीन में एक और वायरस, फिर बढ़ा महामारी का खतरा

 2019 के अंत में दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी अब पांच साल से अधिक समय बाद भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।

Jan 3, 2025 - 16:55
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चीन में एक और वायरस, फिर बढ़ा महामारी का खतरा
Another virus in China, threat of pandemic increases again

पांच साल बाद फिर सामने आया एच5ए1 वायरस 

 2019 के अंत में दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी अब पांच साल से अधिक समय बाद भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। हालांकि, कोविड-19 के मामले वैश्विक स्तर पर घट गए हैं, विशेषज्ञों का कहना है कि इसे पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि वायरस लगातार म्यूटेट होते रहते हैं, जिससे भविष्य में नए वैरिएंट्स का खतरा बना रह सकता है।

वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक, महामारी की शुरुआत से अब तक 70.47 करोड़ से अधिक लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 70.10 लाख से अधिक लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। हाल ही में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोरोना के बाद अब बर्ड फ्लू (एच5एन1) एक और महामारी का खतरा बन सकता है। पिछले कुछ महीनों में, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों में बर्ड फ्लू के मामलों में तेजी देखी गई है, और इसके कारण होने वाली जटिलताएं स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव डाल रही हैं। चीन में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के मामलों पर भी चर्चा हो रही है, हालांकि न तो चीन सरकार और न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस संबंध में कोई आधिकारिक अलर्ट जारी किया है।

बर्ड फ्लू को लेकर सावधानी बरतें-

कनाडा में बर्ड फ्लू के कारण एक किशोरी को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखना पड़ा। येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की डीन डॉ. मेगन रैनी के अनुसार, बर्ड फ्लू के संक्रमण में गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए इसे लेकर गंभीर चर्चा और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। हाल के महीनों में बर्ड फ्लू वायरस कई खाद्य और पेय पदार्थों में भी पाया गया है, जैसे कि गायों और कच्चे दूध में। हालांकि, अब तक कच्चे दूध के कारण किसी व्यक्ति में बर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं पाया गया है, फिर भी विशेषज्ञ इसे हल्के में नहीं ले रहे हैं। मार्च 2023 में बर्ड फ्लू वायरस अमेरिका के डेयरी फार्मों में पाया गया, और तब से यह वायरस कई राज्यों में फैल चुका है। अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने फ्लू का टीका लगवाने की सलाह दी है, खासकर उन लोगों को जो उच्च जोखिम वाले समूहों में आते हैं।