18 अप्रैल: वर्ल्ड हेरिटेज डे और गुड फ्राइडे-इतिहास, महत्व और परंपराएं
हर साल 18 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है।

हर साल 18 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है। वहीं, इस साल 18 अप्रैल को ही ईसाई धर्म का पवित्र पर्व गुड फ्राइडे भी पड़ रहा है, जो प्रभु यीशु मसीह के बलिदान और प्रेम का स्मरण कराता है। आइए जानें इस खास दिन से जुड़ी दोनों अहम घटनाओं के इतिहास, महत्व और परंपराओं के बारे में।
हर साल 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। इसकी शुरुआत 1982 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मोनुमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) द्वारा की गई थी और 1983 में इसे यूनेस्को की मान्यता प्राप्त हुई।
वर्ल्ड हेरिटेज डे की थीम:
"आपदाओं और संघर्षों से खतरे में पड़ी विरासत: ICOMOS की 60 वर्षों की कार्रवाइयों से तैयारी और सीख"
यह थीम यह दर्शाती है कि किस प्रकार संघर्षों और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी धरोहरों की रक्षा की जा सकती है और पूर्व अनुभवों से क्या सीखा जा सकता है।
विश्व की प्रमुख धरोहरें:
यूनेस्को की सूची में कई ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं, जो विश्व प्रसिद्ध हैं:
गीज़ा का पिरामिड (मिस्र) – प्राचीन विश्व के सात अजूबों में से एक।
माचू पिच्चू (पेरू) – 'इंका सभ्यता' का रहस्यमयी नगर।
चीन की दीवार – दुनिया की सबसे लंबी दीवार।
ताजमहल (भारत) – प्रेम की प्रतीक अद्भुत संगमरमर की रचना।
क्राइस्ट द रिडीमर (ब्राजील) – रियो की प्रसिद्ध यीशु प्रतिमा।
पेट्रा (जॉर्डन) – लाल पत्थरों का ऐतिहासिक शहर।
कोलोसियम (इटली) – रोम का विशाल ग्लैडिएटर अखाड़ा।
चिचेन इट्जा (मेक्सिको) – माया सभ्यता का धार्मिक केंद्र।
कैसे होता है चयन और क्या है लाभ-
स्थलों का मूल्यांकन ICOMOS और IUCN जैसे संगठन करते हैं। यदि कोई स्थल विश्व धरोहर सूची में शामिल होता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलती है। इससे पर्यटन में वृद्धि होती है, स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलता है और स्मारकों की देखभाल और सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। आर्थिक रूप से कमजोर देशों को यूनेस्को से सहयोग भी मिलता है।
गुड फ्राइडे 2025-
गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का एक अत्यंत पवित्र और भावनात्मक दिन है, जो प्रभु यीशु मसीह के बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन प्रेम, क्षमा, बलिदान और मानवता के मूल्यों को दर्शाता है।
गुड फ्राइडे का महत्व-
गुड फ्राइडे को वह दिन माना जाता है जब यीशु मसीह को यहूदी शासकों द्वारा झूठे आरोपों के आधार पर सूली पर चढ़ा दिया गया था। यह घटना शुक्रवार को हुई थी, इसलिए इसे "गुड फ्राइडे" कहा जाता है। 'गुड' शब्द यहां पुरानी अंग्रेज़ी के 'Holy' (पवित्र) के अर्थ में प्रयोग हुआ है।
इतिहास-
यीशु मसीह ने समाज में प्रेम, करुणा और ईश्वर के प्रति श्रद्धा का संदेश फैलाया। लेकिन तत्कालीन शासकों और कट्टरपंथियों को यह स्वीकार नहीं था। उन्होंने यीशु के विरुद्ध षड्यंत्र रचा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें क्रूस पर चढ़ा दिया गया। बाइबल के अनुसार, यीशु को छह घंटे तक कीलों से ठोंक कर सूली पर टांगा गया।
परंपराएं-
- चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं होती हैं
- उपवास, मौन और आत्मचिंतन का पालन किया जाता है
- प्रभु यीशु के जीवन और बलिदान पर प्रवचन दिए जाते हैं
दो दिन बाद मनाया जाता है ईस्टर-
गुड फ्राइडे के दो दिन बाद रविवार को ईस्टर मनाया जाता है, जब यीशु के पुनर्जीवित होने की मान्यता है। यह दिन आशा, पुनरुत्थान और नए जीवन का प्रतीक माना जाता है।
18 अप्रैल का दिन इतिहास, विरासत और आध्यात्मिकता से भरा हुआ है। एक ओर जहां विश्व धरोहर दिवस हमें अपने अतीत की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने की प्रेरणा देता है, वहीं गुड फ्राइडे प्रभु यीशु मसीह के बलिदान और प्रेम का संदेश फैलाता है। यह दिन मानवता, संरक्षण और विश्वास का प्रतीक बनकर हमें आत्ममंथन करने का अवसर देता है।