मणिपुर में सेना के जूनियर कमीशन ऑफिसर का अपहरण

मणिपुर के थौबल जिले में शुक्रवार को भारतीय सेना के जूनियर कमीशन ऑफिसर का असामाजिक तत्वों ने उनके घर से अपहरण कर लिया।

Mar 8, 2024 - 16:40
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मणिपुर में सेना के जूनियर कमीशन ऑफिसर का अपहरण


हथियारबंद बदमाशों ने घर से किया अगवा, लगातार मिल रहीं थी धमकियां

मणिपुर के थौबल जिले में शुक्रवार को भारतीय सेना के जूनियर कमीशन ऑफिसर का असामाजिक तत्वों ने उनके घर से अपहरण कर लिया। यह जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि जेसीओ की पहचान चरंगपत ममांग लेईकाई निवासी कोंसम खेड़ा सिंह के रूप में हुई है। शुक्रवार को कोंसम खेड़ा सिंह छुट्टी पर थे। सुबह 9 बजे के करीब कुछ लोग उनके घर में घुस गए और उन्हें एक वाहन में ले गए। अपहरण क्यों किया गया, इसकी वजह का अभी पता नहीं चल पाया है। लेकिन पहली नजर में यह मामला जबरन वसूली का लग रहा है।  इस तरह की धमकियां अधिकारी के परिजनों को पहले भी मिल चुकीं थीं। 

सुरक्षा एजेंसियों का तलाशी अभियान-
मामले की सूचना मिलने पर सभी सुरक्षा एजेंसियों ने जेसीओ को बचाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-102 पर चलने वाले सभी वाहनों की तलाशी ली जा रही है। मणिपुर में संघर्ष शुरू होने के बाद से यह चौथी घटना है, जब छुट्टी या ड्यूटी पर तैनात सैनिकों या उनके रिश्तेदारों को असामाजित तत्वों ने निशाना बनाया है। 

पिछले साल भी जवान का हुआ था अपहरण-
पिछले साल सितंबर में असम रेजिमेंट के एक पूर्व सैनिक सर्तो थांगथांग कोम का घाटी में एक सशस्त्र समूह ने अपहरण किया था और उनकी हत्या कर दी थी। वह मणिपर के लीमाखोंग में रक्षा सेवा कोर (डीएससी) में तैनात थे। हथियारबंद समूह ने दो महीने बाद चार लोगों का अपहरण कर लिया था, जब वे वाहन से पहाड़ी जिले चुराचांदपुर से लीमाखोंग जा रहे थे। चारों जम्मू-कश्मीर में तैनात भारतीय सेना के जवान के परिवार के सदस्य थे। पांचवें सदस्य (सैनिक के पिता) घायल हो गए थे और भागने में कामयाब हो गए थे। बाद में सेना इलाज के लिए उन्हें दीमापुर ले गई और बाद में उन्हें असम के गुवाहाटी के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

एएसपी के घर पर भी हुआ था हमला-
इस साल 27 फरवरी को मणिपुर पुलिस के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) पर इंफाल शहर में उनके घर पर हमला किया गया था। इस मामले में हमलावर समूह की पहचान अरमबाई टेंगोल (एटी) के रूप में की गई थी। इस घटना के बाद मणिपुर पुलिस के कमांडो ने इफाल और अन्य इलाकों में हथियार डाल दिए थे।