आगरा के असद ने लखनऊ के होटल में किये 5 मर्डर
उत्तर प्रदेश के आगरा के एक युवक ने राजधानी लखनऊ की एक होटल में मां और चार बहनों की हत्या कर दी। नए साल पर हुई दिल दहलाने वाली वारदात से सनसनी मच गई।

अपनी मां और चार बहनों को मारने के बाद बनाया वीडियो, सीएम योगी से किया निवेदन
उत्तर प्रदेश के आगरा के एक युवक ने राजधानी लखनऊ की एक होटल में मां और चार बहनों की हत्या कर दी। नए साल पर हुई दिल दहलाने वाली वारदात से सनसनी मच गई। पांच हत्याओं की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
मां के साथ 4 बहनों को मार दिया-
शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये परिवार आगरा जिले के कुबेरपुर का रहने वाला है। आगरा के टेड़ी बगिया क्षेत्र के इस्लाम नगर के रहने वाले 24 साल के असद ने इस घटना को अंजाम दिया है। इस सनसनीखेज हत्याकांड में एक चौंकाने वाली बात यह है कि मृतक चार बेटियों में से दो नाबालिग थीं, जबकि दो की उम्र 18 और 19 साल थी। लखनऊ के शरनजीत होटल में हुई इन पांच हत्याओं ने पूरे शहर में तहलका मचा दिया है। हत्या के बाद आरोपी ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने मृत मां और बहनों के शवों को दिखाया। इस वीडियो में उसके पिता भी उसके साथ दिखाई दिए। आरोपी ने इस वीडियो में बस्ती के कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए, जिन्हें उसने इस कृत्य के लिए जिम्मेदार ठहराया।
बस्ती वालों ने खूब जुल्म ढाया-
मेरा नाम असद है, आज बस्ती वालों की वजह से मजबूरी में हमने ये कदम उठाया। अपने हाथों से मां और बहन को मारा है। इसके जिम्मेदार बस्ती वाले हैं। हमारा घर इन लोगों ने छीनने के लिए न जाने कितने-कितने जुल्म किए। हमने आवाज उठाई तो हमारी किसी ने नहीं सुनी। 10-15 दिन हो गए, सर्दी में भटकते हुए। योगी जी से ये निवेदन है कि इन जैसे मुसलमानों को नहीं छोड़ें, पूरी बस्ती मौत की जिम्मेदार है। मौत के जिम्मेदार रानू उर्फ आफताब अहमद, अलीम खान, सलीम खान, ड्राइवर, अहमद, अजहर और उसके और रिश्तेदार हैं, जो लड़कियों को बेचते हैं। इन लोगों का प्लान था कि हम लोगों को जेल पहुंचाकर हमारी बहनों को बेचेंगे। हम ये नहीं चाहते थे।
हर मुसलमान एकसा नहीं होता-
पीएम मोदी, सीएम योगी जी...हर मुसलमान एकसा नहीं होता है। हिंदुस्तान के अंदर फिर किसी परिवार को ऐसा नहीं करना पड़े। जीते जी नहीं तो मरने के बाद इंसाफ दे दीजिए। आप सच्चे हिंदू और ठाकुर हैं। तो मेरे घर में मंदिर बनना चाहिए। बाप के साथ मिलकर बहनों को मारा है। उसने आगे कहा कि न जाने कितने गरीब लोगों की बेटियां इन लोगों ने उठाकर बेच दीं। बस्ती वालों ने चौकी अपने हाथ में ले रखी है। पुलिसकर्मियों को पैसा देकर बच जाते हैं।
जलाओ या दफनाओ... आपकी मर्जी-
आपकी मर्जी है कि जलाओ या दफनाओ। इनको बेरहमी से मैंने मारा है। हमारी हिंदुओं ने भी मदद नहीं की। हाथ जोड़कर विनती है, इंसाफ दिलाओ। लखनऊ आए थे, आपसे मिलने के लिए। लेकिन मिल नहीं पाए।