आशीष को मिला जबलपुर की जनता का अभूतपूर्व आशीर्वाद
एक बार फिर साबित हुआ कि भाजपा के लिए जबलपुर किसी सुरक्षित गढ़ से कम नहीं है। वोटिंग प्रतिशत कम होने के बाद भी भाजपा के आशीष दुबे ने जीत का रिकॉर्ड कायम कर लिया। भाजपा का ताजी जीत इतिहास की सबसे बड़ी जीत के रूप में दर्ज हो गयी।
कांग्रेस ने भी दर्ज कराई मौजूदगी,दो ईवीएम में आई तकनीकी खराबी, मतगणना स्थल पर अव्यवस्थाओं से सब रहे त्रस्त
एक बार फिर साबित हुआ कि भाजपा के लिए जबलपुर किसी सुरक्षित गढ़ से कम नहीं है। वोटिंग प्रतिशत कम होने के बाद भी भाजपा के आशीष दुबे ने जीत का रिकॉर्ड कायम कर लिया। भाजपा का ताजी जीत इतिहास की सबसे बड़ी जीत के रूप में दर्ज हो गयी। जीत के बाद जहां एक ओर भाजपा में जीत और उत्साह का रंग छाया हुआ है तो वहीं कांग्रेस हार के कारणों की समीक्षा करने की तैयारी में है। इस जीत और हार के नतीजों को एक या दो बिन्दुओं पर समझना या समझाना जल्दबाजी होगी। देश में जब कांग्रेस ने अपने प्रदर्शन को बेहतर किया है तब जबलपुर में हार का कीर्तिमान स्थापित करना सामान्य नहीं है।
-वोट की संख्या और जीत का अंतर
भाजपा के आशीष दुबे को 7,90,133 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के दिनेश यादव के हिस्से में 3 लाख 3 हजार 4 सौ 59 मत आए। डाक वोट की गिनती में भाजपा को 1 हजार 4 सौ 12 तो कांग्रेस को 5 सौ 67 डाक वोट कांग्रेस को हासिल हुये। नोटा वोट 4 हजार 9 सौ 64 रहे। मतगणना स्थल जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में जिले की 8 विधानसभा में पड़े 11 लाख 65 हजार मतों की गिनती की गई है। पहले डाक मतपत्र के वोट, फिर ईवीएम के वोट गिने गए। 19 मई को हुई वोटिंग में जबलपुर लोकसभा सीट के लिए 61 प्रतिशत मतदान हुआ था।
-ये जीत क्यों है सबसे बड़ी
जबलपुर लोकसभा सीट पर 1957 के बाद से भाजपा 9 बार (वर्तमान जीत मिलाकर) और कांग्रेस 7 बार चुनाव जीती। लेकिन बीते सभी लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हािसल करने का रिकॉर्ड आशीष दुबे के नाम दर्ज हो गया। अभी तक जबलपुर में लोकसभा के किसी भी प्रत्याशी से सबसे अधिक अंतर से जीतने का रिकॉर्ड है। वहीं 2019 के चुनाव में सांसद राकेश सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी विवेक तन्खा को 4 लाख 54 हजार वोट के अंतर से हराया था। हालाकि, जबलपुर में भाजपा की जीत पर अप्रत्याशित जैसा कुछ भी नहीं है। सारे पूर्वानुमान यही कह रहे थे जबलपुर में भाजपा बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है। कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश यादव ने भी जमीन पर खूब संघर्ष किया,लेकिन संगठन की शिथिलता ने निराश कर दिया। प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के अलावा किसी बड़े नेता के न आने से भी कांग्रेस का माहौल नहीं बन सका।
-कैसा रहा विधानसवार प्रदर्शन
भाजपा उम्मीदवार आशीष दुबे को सबसे ज्यादा वोट पनागर विधानसभा से मिले, जो एक लाख 25 हजार 2 सौ 93 रहे। भाजपा को सबसे कम वोट कैंट विधानसभा से मिले, जो 77 हजार 786 वोट रहे। वहीं ,कांग्रेस को पूर्व विधानसभा से सबसे ज्यादा 61 हजार 47 वोट मिले तो सबसे कम पश्चिम विधानसभा से 27 हजार 537 वोट।
विधानसभा-आशीष दुबे-दिनेश यादव
पाटन-111247-44329
बरगी-102751-39913
पूर्व-71712-61047
उत्तर-95133-38073
कैंट-77786-29776
पश्चिम-107860-27537
पनागर-125293-35668
सिहोरा-96939-37519
-सिहोरा में ईवीएम में गड़बड़ी
काउंटिंग के दौरान सिहोरा विधानसभा कक्ष में दो ईवीएम में तकनीकी खराबी आने के कारण प्रक्रिया कुछ देर बाधित हुई। इन दोनों ईवीएम की गिनती 19 वें राउंड में की गयी। इधर, मतगणना स्थल भी बदइंतजामियों का शिकार रहा। भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए लोग तरसते रहे। निजी टेंट हाउस द्वारा कुछ कूलर लगाए गए थे,लेकिन उनसे गर्म हवा निकल रही थी। कई प्रयास करने के बाद भी कूलरों में पानी नहीं डाला जा सका। कुछ कूलर एक बार बंद हुये तो दोबारा चालू नहीं हो सके। नगर निगम के कर्मचारियों ने सबकी अनसुनी की। मंच से लगातार एनाउंसमेंट के बाद भी उपस्थित नहीं हुये।