मैडम से कम कराओ रकम, कुछ ज्यादा ही मांग रहीं
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित शहपुरा एसडीएम ऑफिस के ड्राइवर को लोकायुक्त द्वारा डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुये दबोचे जाने के बाद ये मामला गर्माया हुआ है।

जबलपुर के शहपुरा घूसकांड में ऑडियो वायरल
द त्रिकाल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित शहपुरा एसडीएम ऑफिस के ड्राइवर को लोकायुक्त द्वारा डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुये दबोचे जाने के बाद ये मामला गर्माया हुआ है। अब एक ऑडियो वायरल हो गया है,जिसमें आरोपी ड्राइवर और शिकायतकर्ता के बीच बातचीत है। इस बातचीत में कई बार एसडीएम मैडम का जिक्र है। रिश्वत की राशि के मोलभाव करते हुये शिकायतकर्ता गिड़गिड़ा रहा है कि मैडम ज्यादा मांग रही हैं, कुछ कम कराओ। ऑडियो में यह भी कहा गया कि मैडम से बात हो चुकी है। आने वाली तीन तारीख की पेशी में मामला निपटा दिया जाएगा,लेकिन इससे पहले रकम पहुंचा दी जानी चाहिए। हालाकि, शिकायतकर्ता ने निवेदन किया कि एक लाख में हो जाए तो अच्छा है पर ड्रायवर ने कहा कि कम तो हो जाएगा,लेकिन इतना कम नहीं हो पाएगा।
-रिश्वत नहीं दोगे तो फंसोगे
संग्राम सिंह के रिश्तेदार की गांव में एक एकड़ जमीन है। वहां बासमती धान की बोरियों को रखा गया था। बीते दिनों शहपुरा तहसीलदार ने निरीक्षण किया और धान का पंचनामा बनाया । करीब एक सप्ताह पहले एसडीएम शहपुरा की कोर्ट से कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जवाब देने के लिए जब संग्राम सिंह शहपुरा एसडीएम कोर्ट पहुंचे और उनके ड्राइवर सुनील पटेल से मिले। उसने संग्राम से कहा कि मामले को रफा-दफा किया जा सकता है। तीन लाख रुपए देने पड़ेंगे। ऑडियो में भी ड्रायवर ने किसान से कहा कि पैसे नहीं दोगे तो बुरे फंसोगे,क्योंकि सब कुछ मैडम के ही हाथ में हैं। इसके बाद संग्राम सिंह ने रिश्वत मांगने की शिकायत जबलपुर लोकायुक्त पुलिस से की। एसपी के निर्देश पर शिकायत की जांच की गई और सही पाया गया।
कलेक्टर ने एसडीएम नदीमा शीरी को तत्काल प्रभाव से हटाकर मुख्यालय में पदस्थ किया है। वहीं ड्राइवर सुनील पटेल को निलंबित कर दिया है।
-मामले का एक पहलू ये भी
इधर, इस प्रकरण का एक पहलू ये भी है कि ऐसे प्रकरणों में ड्रायवर,चपरासी और बाबू अफसरों के नाम पर रकम वसूलते हंै,जबकि अफसरों का इसमें हाथ नहीं होता। हालाकि, शिकायतकर्ता ने ये भी कहा है कि पहली बार घूस के लेन-देन की बात एसडीएम के केबिन में ही हुई थी। कानूनी पेंच यही है कि ड्राइवर यदि कहे भी कि उसे किसी अधिकारी ने घूस लेने के लिए कहा था तो इस बात का उसके पास प्रमाण नहीं है और किसान से रिश्वत की बात केवल ड्राइवर ने ही की थी। सवाल ये भी उठ रहा है कि रिश्वतकांड के चंद घंटों बाद ही शहपुरा एसडीएम को जबलपुर मुख्यालय क्यों बुलवा लिया गया। हालाकि, ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जब कर्मचारी ने अफसर के नाम पर रुपये वसूले और पकड़े जाने पर अकेला फंस गया। कुछ एक मामलों में जांच के बाद अफसर पर भी गाज गिर चुकी है।