भाजपा-कांग्रेस ने तैयार किया समीकरणों का खाका
मध्य प्रदेश में अंतिम चरण के मतदान के बाद चुनाव आयोग ने सभी सीटों पर मतदान के आंकड़े जारी किए हैं। आयोग के अनुसार प्रदेश की 29 सीटों पर 66.87 प्रतिशत मतदान हुआ है। पिछली बार प्रदेश में 71.16 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके अनुसार इस बार 4.29 प्रतिशत मतदान कम हुआ है।
29 सीटों पर 66.87 प्रतिशत मतदान, पिछली बार से 4.29 प्रतिशत कम, आयोग ने जारी किए अंतिम आंकड़े
आयोग के आंकड़ों के अनुसार इस बार 69.37 प्रतिशत पुरुष और 64.24 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया। प्रदेश की सभी सीटों में सबसे अधिक मतदान छिंदवाड़ा में 79.83 प्रतिशत हुआ। वहीं, रीवा में सबसे कम 49.43 प्रतिशत मतदान हुआ है। लोकसभा चुनाव 2019 के मुकाबले इस बार चार फीसदी कम मतदान प्रतिशत से राजनीतिक दलों में खलबली मची हुई है। लोकसभा चुनाव 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 71.16 फीसदी था, वो अब इस बार 66.77 प्रतिशत पर सिमट कर रह गया। एमपी के दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस औरभाजपा ने प्रारंभिक समीकरणों का खाका भी तैयार कर लिया है।
प्रदेश में पहले चरण की 6 सीटों पर 67.75 प्रतिशत, दूसरे चरण की 6 सीटों पर 58.59 प्रतिशत, तीसरे चरण की 9 सीटों पर 66.75 प्रतिशत और चौथे चरण की आठ सीटों पर 72.05 प्रतिशत मतदान हुआ है। पहले चरण की तीन सीटों मंडला (72.84), बालाघाट (73.45) और छिंदवाड़ा (79.83) में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। इनमें छिंदवाड़ा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ प्रत्याशी थे। यहां पर कमलनाथ ने चुनाव की कमान अपने हाथ में ले रखी थी। वहीं, पूरी भाजपा कमलनाथ को उनके गढ़ में घेरने जुटी थी। वहीं, दूसरे चरण की छह सीटों पर किसी भी चरण में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान नहीं हुआ। इसमें खजुराहो सीट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रत्याशी थे, लेकिन उनके सामने कोई मजबूत दावेदार नहीं था। यहां पर इंडी गठबंधन की प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया था। वहीं, तीसरे चरण में नौ सीटों में चार सीटों गुना (72.43), राजगढ़ (76.04), विदिशा (74.48) ओर बैतूल (73.53) सीट पर 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। यहां गुना सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विदिशा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजगढ़ सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव लड़े। हाई प्रोफाइल नेताओं की सीट पर दोनों ही दलों ने मतदान कराने पूरा जोर लगाया। इसके अलावा चौथे चरण की आठ सीटों में सिर्फ इंदौर को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने के बाद चुनाव एकतरफा हो गया था। सभी सीटों पर मतगणना 4 जून होगी। बता दें 2019 में प्रदेश की 29 सीटों में से 28 सीटें भाजपा और एक छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस ने जीती थी।
कम वोटिंग परसेंटेज से मची खलबली-
आंकड़े बताते हैं कि चौथे चरण में बाकी तीन चरणों से ज्यादा मतदान होने के बावजूद भी एमपी में 3.93 फीसदी कम वोटिंग हुई है। कांग्रेस के ताजा आकलन के मुताबिक कम मतदान प्रतिशत भाजपा के लिए घाटे का सौदा साबित होगा। लिहाजा फायदा कांग्रेस को मिलेगा। उधर, भाजपा ने कम वोटिंग परसेंटेज के बाद भी हर बूथ पर 2019 में मिले मतों से 10 फीसदी इजाफा का दावा किया है। मामले पर कांग्रेस के विचार विभाग प्रमुख कहते हैं कि इस बार शहरों से कम वोटिंग हुई। इसका कारण भाजपा के खिलाफ जनता की नाराजगी। 10 साल पहले लोगों से 15 लाख रुपये खाते में आने की झूठ बोला गया। दो करोड़ नौकरी नहीं मिली। बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे परभाजपा सरकार फेल रही। 450 रुपये में गैस सिलेंडर नहीं मिला। भाजपा के झूठ के कारण जनता घरों से नहीं निकली। प्रदेश की आधी आबादी महिला वर्ग ने मतदान में रुचि नहीं ली। कम वोटिंग होना कांग्रेस के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। भाजपा की चुनाव के छह माह पहले से मैराथन बैठक और तमाम इवेंट फेल हो गए। उधर, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी का दावा है कि मतदान प्रतिशत में जरूर कम गिरावट आई है। लेकिन, प्रदेश में मोदी की गारंटी और विकास ही मतदाताओं के उत्साह का कारण था। इसमें दो मत नहीं कि हर बूथ पर 10 प्रतिशतभाजपा के पक्ष में अधिक मत हासिल भी करेंगे। कांग्रेस के कार्यकर्ता, टूटे-फूटे नेता और पदाधिकारी चुनाव में तक अपनी पार्टी के लिए काम तक नहीं कर सके। न मतदाताओं को प्रेरित कर पाए न चुनाव प्रचार में सक्रिय रहे। इस बार कांग्रेस ऐतिहासिक हार की ओर बढ़ चली है। भाजपा की प्रचंड विजय जल्द सामने सबके सामने होगी।
भाजपा सरकार ने नहीं पूरी की गारंटी- कमलनाथ
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव का मतदान खत्म हो गया है। प्रदेश में चार चरणों में चुनाव संपन्न हो चुके है। प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला अब चार जून को होगा। पूर्व सीएम कमलनाथ ने चुनावों को लेकर अपना मत शेयर किया है। कमलनाथ ने अपने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से कांग्रेस की जीत का दावा किया है। कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि चौथे चरण की मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के साथ ही मध्यप्रदेश की सभी लोकसभा सीटों के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी हो गई है। जनता का उत्साह और कार्यकर्ताओं की मेहनत देखकर यह स्पष्ट दिखाई देता है कि मध्यप्रदेश के मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र को अपना आशीर्वाद दिया है।
पूर्व सीएम नाथ ने जनता को बताया बुद्धिमान-
कमलनाथ ने आगे लिखा है कि मध्यप्रदेश की जनता बुद्धिमान है और उसने देखा कि किस तरह इंदौर और खजुराहो में भाजपा के इशारे पर विपक्ष के प्रत्याशियों को चुनावी मैदान से बाहर कर दिया गया। मुझे विश्वास है कि लोकतंत्र पर हुए इस हमले का मुंहतोड़ जवाब प्रदेश की जनता ने दिया है। मध्यप्रदेश के नागरिकों को घोषणा तथा झूठ में फर्क करना बखूबी आता है। जनता यह भी जानती है कि कौन से लोग चुनाव के समय गारंटियां देते हैं और चुनाव के बाद उनसे मुकर जाते हैं।