भाजपा नेता दिलीप घोष 60 की उम्र में बनेंगे दूल्हे, पार्टी सहयोगी रिंकू मजूमदार से रचाएंगे शादी
पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ६० साल की उम्र में शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं।

पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ६० साल की उम्र में शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। वे भाजपा में ही सहयोगी रहीं रिंकू मजूमदार से विवाह करने वाले हैं। यह विवाह समारोह आज, 18 अप्रैल को कोलकाता स्थित उनके निवास पर संपन्न होने की जानकारी मिली है। दिलीप घोष अभी तक अविवाहित रहे हैं। खबर है कि इस अवसर पर तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष और देबांगशु भट्टाचार्य समेत कई अन्य ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
दुल्हन पक्ष की ओर से आया था विवाह प्रस्ताव-
जानकारी के अनुसार, दोनों की मुलाकात सुबह की सैर के दौरान हुई थी और धीरे-धीरे यह जान-पहचान एक गहरे रिश्ते में बदल गई। दोनों की शादी न्यू टाउन स्थित एक निजी समारोह में होगी, जिसमें परिवार और करीबी लोग शामिल होंगे। यह भी बताया गया है कि विवाह का प्रस्ताव रिंकू मजूमदार के परिवार की ओर से दिया गया था। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने दिलीप घोष को उनके निवास पर जाकर बधाई दी। इस महीने की शुरुआत में एक आईपीएल मैच में भी दोनों को साथ देखा गया था।
"मां की इच्छा थी कि मैं विवाह करूं" – दिलीप घोष
मिली जानकारी के मुताबिक दिलीप घोष ने बताया कि उनकी मां की ख्वाहिश थी कि वे शादी करें, और अब वे उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए विवाह कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी राजनीति में कोई बदलाव नहीं आएगा और वे पहले की तरह सक्रिय रहेंगे।
कौन हैं रिंकू मजूमदार-
रिंकू मजूमदार भाजपा की लंबे समय से कार्यकर्ता रही हैं। वे पार्टी की महिला मोर्चा, ओबीसी इकाई, हथकरघा प्रकोष्ठ सहित कई अहम जिम्मेदारियों को निभा चुकी हैं। यह उनकी दूसरी शादी है और उनका एक बेटा भी है।
कौन है दिलीप घोष-
दिलीप घोष युवावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे हैं। उन्होंने 2015 में भाजपा में सक्रिय भूमिका निभाना शुरू की और राज्य अध्यक्ष रहते हुए भाजपा को पश्चिम बंगाल में एक मजबूत विपक्षी ताकत के रूप में स्थापित किया। वे खड़गपुर से सांसद रह चुके हैं और 2026 के आगामी विधानसभा चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
हाल ही में दिलीप घोष तब चर्चा में आए जब उन्होंने कथित तौर पर हिंदू समुदाय से घरों में हथियार रखने का आह्वान किया। यह बयान वक्फ कानून को लेकर हुए हिंसक विरोध और कुछ इलाकों में हिंदुओं के घरों पर हमले के संदर्भ में आया था। मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत के बाद, घोष ने उत्तर 24 परगना में एक रैली में कहा था कि, “हिंदू टीवी, फ्रिज और फर्नीचर तो खरीदते हैं, लेकिन घर में कोई हथियार नहीं रखते। जब संकट आता है, तो पुलिस को बुलाते हैं, लेकिन पुलिस आपको नहीं बचा पाएगी।”