चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा की जीत, हरप्रीत कौर बबला बनी महापौर

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आप और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। जीत के साथ ही बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला मेयर चुनी गई हैं।

Jan 30, 2025 - 15:57
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा की जीत, हरप्रीत कौर बबला बनी महापौर
BJP wins Chandigarh mayor election, Harpreet Kaur Babla becomes mayor
  • चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग,
  • भाजपा को मिले 19 वोट,
  • आप और कांग्रेस के खाते में आए 17 वोट 

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आप और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। जीत के साथ ही बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला मेयर चुनी गई हैं। सूत्रों के अनुसार इस मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग भी की है। इस चुनाव में बीजेपी को कुल 19 वोट मिले हैं।  जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को कुल 17 वोट मिले। आपको बता दें कि कुल 36 वोट पड़े थे। कांग्रेस के जसबीर बंटी चंडीगढ़ के नए सीनियर डिप्टी मेयर बने हैं। जसबीर बंटी ने बीजेपी की उम्मीदवार बिमला दुबे को हराया है। 

आप पार्टी-कांग्रेस पार्षदों ने किया क्रॉस वोट-

बीजेपी के पास कुल 16 पार्षद हैं, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के तीन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की। चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों की संख्या क्रमश 13 और 6 है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वोटिंग के दौरान सदन में कुल 35 पार्षद उपस्थित थे।

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला-

चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जयश्री ठाकुर को स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। कोर्ट ने उस दौरान कहा था कि इस बार हम चंडीगढ़ मेयर पद के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे। स्ष्ट ने 30 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षक की नियुक्ति किया था और इच्छा जताई थी कि इस बार चुनाव निष्पक्ष हों। चंडीगढ़ के मेयर कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके कहा था कि चुनाव की तारीख 20 फरवरी होनी चाहिए। उन्होंने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 20 फरवरी को ही विजेता घोषित किया था। इसलिए वे एक साल के कार्यकाल के हकदार हैं। खास बात ये है कि पिछले साल 20 फरवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया था। सुप्रीम कोर्ट ने फिर से मतों की गणना करने के आदेश दिए थे। 8 अमान्य करार बैलेट मान्य करार दिए गए थे। बैलेट पेपर देखने और वीडियो देखने के बाद स्ष्ट ने लिया फैसला। साथ ही रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को फटकार लगाते हुए नोटिस भी जारी किया था।