नेपाल मे भारी बारिश,बिहार (Bihar) मे बाढ़ 

नेपाल में पिछले 60 घंटों से लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। जिससे कई नदिया उफान पर है और बिहार (Bihar) की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिसका असर बिहार.में देखने को मिल रहा है। जिससे कई गांवों में पानी भर गया है।

Oct 3, 2024 - 11:46
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नेपाल मे भारी बारिश,बिहार (Bihar) मे बाढ़ 
Bagmati river created havoc in Bihar

नेपाल (Nepal) मे जारी भारी बारिश के चलते बिहार के 19 जिलों मे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। दरअसल,नेपाल में पिछले 60 घंटों से लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। जिससे कई नदिया उफान पर है और बिहार (Bihar) की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।  जिसका असर बिहार.में देखने को मिल रहा है। नेपाल से पानी लगातार बढ़ने से बिहार में कई इलाकों पर तटबंध दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, बेतिया में कई जगहों पर बागमती,कोसी और गंडक नदी पर बने तटबंध टूट गए। जिससे कई गांवों में पानी भर गया है। बिहार के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ के हालातों का जायजा लेने के लिए नीतीश सरकार लगातार निगरानी मे जुटी हुई है। 

बागमती नदी ने मचाया हाहाकार 

बागमती नदी में आई बाढ़ से सीतामढ़ी जिले के बेलसंड, रुन्नीसैदपुर, बैरगनिया में हाहाकार मचा है। हर तरफ सैलाब दिखाई पड़ रहा है। कहीं घुटने भर तो कहीं कमर भर तो कहीं कलेजे और सिर डूबने तक पानी का तेज बहाव हो रहा है। यह गांव-घर का आलम है। हर तरफ पानी ही पानी दिखाई पड़ रहा है। 

20 साल बाद आई ऐसी आफत 

लोगों का कहना है  कि साल 2004 में जो हालात थे इस बार उससे भी अधिक भयावह स्थिति है। बेलसंड व रुन्नीसैदपुर में सर्वाधिक क्षति हुई है। बेलसंड में 100 फीट, रुन्नीसैदपुर में 10 फीट में बागमती का तटबंध टूटा है। तटबंधों के टूटने से 100 सेअधिक गांवों में पानी फैल गया है। बाढ़ के चलते करीब तीन लाख लोग प्रभावित हुए है और हजारों हेक्टेयर में लगी फसल को पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। 

नीतीश सरकार बनी मूकदर्शक 

बिहार मे बाढ़ से लोगों का बरसों पुराना नाता है। जब भी बिहार मे बाढ़ आती है तो अपने साथ तबाही का मंजर छोड़ जाती है। इस समस्या का स्थाई निदान आज तक सरकार के पास नहीं है इसलिए अब बिहार के लोगों ने मानो बाढ़ से दोस्ती कर ली है। बाढ़ अमीर गरीब को नहीं देखती है लेकिन इस आपदा में सबसे ज्यादा परेशानी निम्न वर्गीय परिवारो को झेलनी पड़ती है जिनके पास सुरक्षित आश्रय स्थल भी नहीं होता है। परेशान लोगों के मुताबिक हर साल ऐसे ही हालात बनते है लेकिन इसके लिए अभी तक सरकार के द्वारा कोई उपाय अभी तक नहीं निकाला गया।