पूर्व सीएम शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ जमानती वारंट

राज्यसभा सांसद व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा द्वारा दायर किए गए दस करोड़ रुपए के मानहानि के मामले में एमपीएमएलए कोर्ट ने पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व पूर्व मंत्री भूपेन्द्रसिंह के खिलाफ पांच-पांच सौ रुपए का जमानती वारंट जारी किया है।

Apr 4, 2024 - 15:21
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पूर्व सीएम शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ जमानती वारंट
Bailable warrant against former CM Shivraj Singh, VD Sharma and Bhupendra Singh

राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा द्वारा दायर दस करोड़ मानहानि का मामला, अब 7 मई को होना होगा हाजिर

राज्यसभा सांसद व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा द्वारा दायर किए गए दस करोड़ रुपए के मानहानि के मामले में एमपीएमएलए कोर्ट ने पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व पूर्व मंत्री भूपेन्द्रसिंह के खिलाफ पांच-पांच सौ रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट की अवमानना करने पर पिछली डेट को रिवाइज कर तीनों ही नेताओं को एक माह पहले हाजिर होने के लिए आदेश भी दिए है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 मई को होगी। जिसमें तीनों को कोर्ट में उपस्थित होना पड़ेगा।

यह है मामला-

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने एमपीएमएलए कोर्ट जबलपुर में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि का परिवाद दायर किया था। परिवाद में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित उन्होंने कोई बात नहीं कही थी। उन्होंने मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए इसे गलत ढंग से पेश किया। सीएम शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने गलत बयान देकर ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा उनके सिर फोड़ दिया। जिससे उनकी छवि धूमिल करके आपराधिक मानहानि की है। एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने 20 जनवरी को तीनों के विरुद्ध मानहानि का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए थे। 

अंडरटेकिंग के लिये उपस्थित न होने पर वारंट जारी-

उल्लेखनीय है कि पहले तीनों ही नेताओं को कोर्ट ने इस मामले में 22 मार्च को उपस्थित होने का निर्देश दिया था। लेकिन उस दिन भी तीनों ही नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित ना होकर गैरहाजिरी माफी आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसमें स्वयं को लोकसभा चुनाव में व्यस्त बताते हुए एक आवेदन और प्रस्तुत किया। जिसमें उन्हें 7 जून तक का समय दिए जाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने आवेदन स्वीकार करते ही एक शर्त रखी कि वे 2 अप्रैल को स्वयं उपस्थित होकर ये बात कोर्ट के सामने अंडरटेकिंग दे। जिसके बाद 2 अप्रैल को भी जब तीनों ही नेता कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए तो उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने न्यायालय में 7 जून को उपस्थित होने का आवेदन दायर किया था जिसे कि खारिज कर दिया गया है। अब तीनों नेताओं को 7 मई को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना होगा।

हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत

दरअसल, विशेष न्यायालय में 22 मार्च की सुनवाई से पहले यह मामला हाईकोर्ट में लगा था। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने तीनों नेताओं को लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के आधार पर हाजिरी माफी की व्यवस्था दिए जाने की मांग संबंधी याचिका पर अंतरिम राहत न देते हुए इस सिलसिले में एमपीएमएलए स्पेशल कोर्ट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने स्वतंत्र कर दिया था। साथ ही हाईकोर्ट में याचिका की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को निर्धारित कर दी थी।