बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की पॉलिटिक्स में एंट्री
ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में दोनों पहलवान कांग्रेस में शामिल हुए।
मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए दोनों पहलवान
ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में दोनों पहलवान कांग्रेस में शामिल हुए। इस मौके पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी नेता पवन खेड़ा, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान और हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया भी मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक, बजरंग पुनिया को कांग्रेस के स्टार प्रचारक के अलावा कांग्रेस संगठन में उचित पद दिया जाएगा। लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस में शामिल होने से पहले विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके घर पर मुलाकात की। यह मुलाकात आधे घंटे से ज्यादा चली।
जानिए क्या बोले दोनों पहलवान -
कांग्रेस में शामिल होने पर विनेश फोगाट ने कहा कि समर्थन के लिए पूरे देशवासियों का धन्यवाद। मैं कोशिश करूंगी उम्मीदों पर खरा उतरूं। नई पारी की शुरुआत कर रही हूं। हर उस महिला के साथ हम खड़े हैं जो खुद को लाचार और बेबस समझती हैं। विनेश ने कहा कि मैं कांग्रेस का धन्यवाद करती हूं, वो कहते है न की बुरे वक्त में ही पता चलता है अपना कौन है। परमात्मा ने मुझे देश के लोगो की सेवा करने का मौका दिया। मैने जो फेस किया को किसी और को फेस न करने पड़े, आज उन्हे हिम्मत मिलेगी। विनेश फोगाट ने कहा कि जो लड़ाई थी वह खत्म नहीं हुई है। कोर्ट में हमारा केस चल रहा है। वह लड़ाई भी हम जीतेंगे। खेल में जैसे हमने कभी हार नहीं मानी वैसे ही इस नए प्लेटफॉर्म पर भी हम हार नहीं मानेंगे। अपने लोगों के बीच में रहेंगे, दिल से मेहनत करेंगे। मैं कहना चाहूंगी आपकी बहन आपके साथ हमेशा खड़ी रहेगी। वहीं, बजरंग पुनिया ने भी सभी का धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि देश की बेटी की जो आवाज उठाई उसका भुगतान हम कर रहे हैं। जितनी कुश्ती में मेहनत की है, आगे भी ऐसी ही मेहनत करेंगे। हम ग्राउंड पर काम करेंगे। संघर्ष की लड़ाई में हमेशा कांग्रेस के साथ खड़े रहेंगे।
कांग्रेस में शामिल होने से रेलवे से दिया इस्तीफा-
कांग्रेस में शामिल होने से पहले विनेश फोगाट ने रेलवे की नौकरी छोड़ दी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे की सेवा मेरे जीवन का एक यादगार और गौरवपूर्ण समय रहा है। जीवन के इस मोड़ पर मैंने स्वयं को रेलवे सेवा से पृथक करने का निर्णय लेते हुए अपना त्यागपत्र भारतीय रेलवे के सक्षम अधिकारियों को सौप दिया है। राष्ट्र की सेवा में रेलवे द्वारा मुझे दिये गये इस अवसर के लिए मैं भारतीय रेलवे परिवार की सदैव आभारी रहूंगी।