साइबर फ्रॉड से खुद रहें सतर्क

सोशल मीडिया के इस रुपहले दौर में कभी भी किसी के साथ भी सायबर ठगी हो सकती है। दिन-प्रतिदिन बढ़े सायबर ठगी के केस से लोग हलाकान हैं।

Sep 29, 2024 - 14:49
Oct 5, 2024 - 15:30
 10
साइबर फ्रॉड से खुद रहें सतर्क
Be cautious about cyber fraud

पुलिस के चक्कर लगाकर परेशान होते हैं ठगी के शिकार, जांच और एफआईआर कराने में छूट जाता है पसीना

सोशल मीडिया के इस रुपहले दौर में कभी भी किसी के साथ भी सायबर ठगी हो सकती है। दिन-प्रतिदिन बढ़े सायबर ठगी के केस से लोग हलाकान हैं। ठगी का शिकार व्यक्ति जब पुलिस की चौखट पर पहुंचता है तो नई किस्म की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पुलिस से दो कदम आगे रहने वाले सायबर क्राइम को अंजाम देने वालों के हौसले परवान चढ़ रहे हैं। लेकिन पुलिस अपनी सीमित साधन-संसाधन के सहारे सायबर ठगी के मकड़जाल को तोड़ने में नाकाम साबित हो रही है।

मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी जय शुक्ला (काल्पनिक नाम) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उनके साथ सायबर फ्राड होने पर 48 हजार की चपत खाई। अब पुलिस के चक्कर लगाकर परेशान हैं। कई बार आवेदन देने के बाद भी संतोषजनक कार्रवाई न होने से वो अब मायूस हो चुके हैं। 

जबलपुर की न्यू जगदम्बा कॉलोनी में रहने वाले जय शुक्ला ने बताया कि 13 जुलाई 2024 को उन्होंने ओएलएक्स पर अपने मकान को किराये पर देने के लिए विज्ञापन निकाला। 13 जुलाई को ही मोबाइल नम्बर 83599-46727 से कॉल आया कि मकान किराए पर चाहिए। कॉल करने वाले ने बताया कि वो आर्मी में सर्विस करता है और दीपक पवार नाम है। मकान का वीडियो देखने के बाद 14 जुलाई को मकान किराए पर लेने की सहमति दी और अपना आधार, पैन कार्ड, फैमिली फोटो और विभागीय परिचय पत्र व्हाट्सअप पर भेजा। इसके अलावा किराए पर मकान लेने वाले दीपक ने एक अन्य नम्बर 88595-12788 से भी व्हाट्सअप कॉल किया। 

ठगी का शिकार जय शुक्ला ने बताया कि विभागीय आईकार्ड देखने पर ज्ञात हुआ कि दीपक केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में सहायक उपनिरीक्षक है और आगामी दिनों में हैदराबाग से जबलपुर सीएसडी में ज्वाइन करने की बात कही। 14 जुलाई को एडवांस किराए की बात तय होने पर दीपक ने विभाग से जानकारी प्राप्त करने की बात कही और अगले दो घंटों में विभाग द्वारा 3 माह का किराया देने की बात कहते हुए पेटीएम नम्बर की मांग की। जय शुक्ला ने बताया कि पेटीएम नम्बर कम्फर्म करने के लिए आर्मी ऑफिस के नाम के एयरटेल पेमेंट बैंक के खाते नम्बर 9234731970 में एक रुपए ट्रांसफर कराए और तत्काल 2 रुपए पेटीएम खाते में भेजा। 

कब-कब कितने पैसे किए ट्रांसफर-

जय शुक्ला ने ठग के झांसे में आकर पहले 12 हजार, फिर 24 हजार और फिर 12 हजार की राशि ट्रांसफर की और अपने 48 हजार रुपए के साथ 2 माह के किराए की राशि ट्रांसफर होने का इंतजार करते रहे। लेकिन जय शुक्ला के यूनियन बैंक के खाते में एक रुपए भी नहीं पहुंचे। तब उन्हें लगा कि उनके साथ ठगी हुई है। उन्होंने बताया कि तीन किस्तों में 48 हजार की राशि ट्रांसफर करने के ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड, ठग से बातचीत की रिकॉर्डिंग के साथ ठग का आधार, पैन और फोटो सभी मौजूद हैं। जो आवेदन के साथ पुलिस को सौंपा है। 

कोतवाली थाना पहुंचकर की शिकायत-

जय शुक्ला ने बताया कि 14 जुलाई को ठगी का शिकार होने के बाद 15 जुलाई को कोतवाली थाने को शिकायत सौंपी। इसकी एक प्रति सायबर सेल को भी सौंपी। सायबर सेल से लगातार सम्पर्क में रहने पर 9 सितम्बर को अवगत कराया गया कि ठग का मोबाइल लोकेशन हरियाणा-राजस्थान बार्डर पर है और एयर पेमेंट बैंक अकाउंट अभी होल्ड नहीं हुआ है। इसकी जानकारी कोतवाली थाने को प्रेषित कर दी गई है। 9 जुलाई को कोतवाली थाना प्रभारी से मिलने पर बताया गया कि आपका निवास उखरी चौकी के अंतर्गत आता है। आपकी शिकायत उखरी चौकी पहुंचा दी जाएगी और वो आपसे सम्पर्क करेंगे। 

उखरी चौकी पुलिस ने दिखाया ठेंगा-

20 दिन इंतजार करने के बाद जब उखरी चौकी सम्पर्क किया गया तो पता चला कि पुलिस ने अभी प्रकरण ही नहीं देखा। इसके बाद दो-तीन बार फिर सम्पर्क करने पर कहा गया कि सायबर सेल से कुछ जानकारियां जुटाईं जाना शेष हैं। इसके बाद ठगी के शिकार जय शुक्ला को सायबर सेल से पता चला कि अगर कोई जानकारी मांगी जाती है तो एक-दो दिन में भेज दी जाती है। 

2 माह 10 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं-

जय शुक्ला बताते हैं कि शिकायत देने के 2 माह 10 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं होने से निराश हैं। अभी तक न जांच की गई और न ही एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि आरोपी की लोकेशन ट्रेस होने के बाद भी पुलिस की निष्क्रियता सवालों के घेरे में है।