बंगाल के "नटवरलाल" डॉक्टरों का जबलपुर में डेरा

जबलपुर में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में झोलाछाप और नटवरलाल डॉक्टरों ने अपना डेरा डाल रखा है।

Apr 16, 2025 - 15:07
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बंगाल के "नटवरलाल" डॉक्टरों का जबलपुर में डेरा
Bengal's "Natwarlal" doctors camp in Jabalpur

"घुटने पर तेल" लगाकर आराम दिलाने के नाम पर की हज़ारों की ठगी

जबलपुर- जबलपुर में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में झोलाछाप और नटवरलाल डॉक्टरों ने अपना डेरा डाल रखा है। इन फ़र्ज़ी डॉक्टरों के द्वारा आए दिन इलाज के नाम पर मरीजों से हजारों और लाखों रुपयों की ठगी करने के मामले भी सामने आते रहते हैं, बावजूद इसके लोग इनके झांसे में आसानी से आते जा रहे हैं। ताजा मामला रांझी थाना इलाके के गोकलपुर क्षेत्र में रहने वाले असलम खान का है। असलम खान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि बंगाल के रहने वाले दो जालसाज़ों ने खुद को डॉक्टर बताया और उनके घुटने पर तेल लगाकर राहत दिलाने का झांसा दिया। जालसाज़ों के झांसे में आकर असलम खान ने हजारों की नगदी गवां दी, जब उन्हें खुद के लुटने का एहसास हुआ तब जाकर मामला पुलिस थाने तक पहुंचा।

लॉज में छापा मार कर पुलिस ने दबोचा -

पश्चिम बंगाल के रहने वाले दो जालसाज़ झोलाछाप डॉक्टरों को पुलिस ने शहर के एक लॉज से गिरफ्तार किया है। पुलिस को खबर मिली थी कि इलाज के नाम पर ठगी करने वाले दोनों डॉक्टर नया मोहल्ला इलाके के कैपिटल लॉज में ठहरे हुए हैं। पुलिस ने घेराबंदी करते हुए कैपिटल लॉज की तलाशी ली तो लोगों के साथ ठगी करने वाले दोनों झोलाछाप डॉक्टर कमरों में छुपे मिले। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

झोलाछाप बंगाली डॉक्टरों के लिए सॉफ्ट टारगेट है जबलपुर -

यूं तो जबलपुर में बंगाली डॉक्टरों का हमेशा से ही आना-जाना रहा है लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह की घटनाएं सामने आ रही है उसने इन बंगाली डॉक्टरों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इलाज के नाम पर ये बंगाली डॉक्टर खुलकर ठगी पर उतारू हो गए हैं। जबलपुर में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में इन फ़र्ज़ी डॉक्टरों के अड्डे आबाद हो चुके हैं। आबादी वाले इलाकों में ये ढोंगी डॉक्टर गंभीर और लाइलाज बीमारियों के इलाज का दावा करते हुए अपना दरबार सजा लेते हैं और फिर स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने के बाद ठगी और जालसाज़ी का गोरखधंधा शुरू कर देते हैं। गोकलपुर इलाके के एक मरीज के साथ ठगी के मामले की अगर गहराई से जांच हो तो जालसाज़ी के शिकार लोगों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।