जमींदोज किया जाए भोपाल का फ्रैक्चर हॉस्पिटल

हाईकोर्ट में जनहित याचिका के जरिए माँग की गई है कि भोपाल के फ्रैक्चर हॉस्पिटल को जमींदोज कर दिया जाए, क्योंकि हॉस्पिटल की इमारत बिना परमिशन बनाई गई है।

Jan 14, 2025 - 16:10
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जमींदोज किया जाए भोपाल का फ्रैक्चर हॉस्पिटल
Bhopal's Fracture Hospital should be demolished
  • जनहित याचिका में आरोप
  • बिना परमिशन तान दिया बहुमंजिला अस्पताल
  • अगली सुनवाई 16 जनवरी को

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट में जनहित याचिका के जरिए माँग की गई है कि भोपाल के फ्रैक्चर हॉस्पिटल को जमींदोज कर दिया जाए, क्योंकि हॉस्पिटल की इमारत बिना परमिशन बनाई गई है। याचिका शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेन्द्र बारी द्वारा दायर विचाराधीन जनहित याचिका में आरटीआई एक्टिविस्ट प्रशांत वैश्य अस्पताल की अनियमिता का मामला उठाया गया है। मामले की अगली सुनवाई की तिथि 16 जनवरी निर्धारित की गई है।

शासन की ओर से नियुक्त प्रभारी अधिकारी द्वारा भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र भेजकर मामले की वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु कहा गया है। उपरोक्त हॉस्पिटल ई-3/1, अरेरा कॉलोनी में स्थित है। आरोपित है कि भोपाल फ्रैक्चर अस्पताल के भूखण्ड पर आवासीय निर्माण की अनुमति दी गई थी न कि अस्पताल चलाने हेतु आवासीय मद (लेंड यूज) से संस्थागत मद परिवर्तन की और न ही नगर निगम द्वारा पूर्व में प्रदत्त आवासीय अनुमति के स्थान पर संस्थागत भवन निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी गई है लेकिन उसके मालिक डॉ. शशांक अग्रवाल, डॉ. कमलेश कुमार वर्मा और डॉ. संदीप शर्मा ने चार मंजिला अस्पताल तान दिया।

संस्थागत भवन का निर्माण करने का अधिकार नहीं -

भोपाल फ्रैक्चर हॉस्पिटल की बिल्डिंग लगी रोड की चौड़ाई 40 फीट से कम है। भवन में नियम से अधिक तल क्षेत्र अनुपात व भू आच्छादित क्षेत्र (ग्राउंड कवरेज) है और न्यूनतम खुला क्षेत्र (एमओएस) व पार्किंग उपलब्ध नहीं है। अस्पताल के मरीजों के लिए भवन से लगी आसपास की जगह में कोई सार्वजनिक पार्किंग स्थल भी उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा अरेरा कालोनी के ई 3-1 के पते पर अस्पताल का पंजीयन वर्ष 2019 को 1 अप्रैल को हुआ है। इन सब कारणों से अस्पताल को अधिभोग परिवर्तन की तथा संस्थागत भवन का निर्माण करने व उसमें अस्पताल संचालन करने की अधिकारिता नहीं है लेकिन संस्थागत भवन निर्माण हेतु संचालक टीएनसीपी से विकास अनुज्ञा नही लिए जाने से भोपाल विकास योजना को अस्पताल मालिकों ने मनमाने तरीके से तहस-नहस कर दिया है।

क्यों तोड़ा जाना चाहिए भवन

याचिका के अनुसार, पार्किंग एवं अग्नि सुरक्षा के लिए तय स्थल व 30 प्रतिशत से अधिक किए गए अवैध निर्माण का प्रशमन (कंपाउन्डिंग) नहीं किया जाने से वह ध्वस्त करने योग्य है। पार्किंग न होने से रोड पर वाहन खड़े होने, आसपास के क्षेत्र में आवागमन बाधित होने से अस्पताल अनुपयुक्त व असुविधाजनक बनने से वहां पर अस्पताल संचालन होने पर मरीजों, स्टाफ व अटेंडेट के लिए अहितकर, जोखिम भरी जानलेवा स्थिति बन गई है।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।