ब्रिटेन सियासत में बड़ा बदलाव- 14 साल बाद सत्ता से बाहर कंजर्वेटिव पार्टी

ब्रिटेन की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ है। बीते दिन संपन्न हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी की करारी हार हुई है। इस चुनाव में कीर स्टारमर की विपक्षी लेबर ने प्रचंड जनादेश हासिल किया है। 650 सीटों वाली ब्रिटश संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में लेबर ने 400 से ज्यादा सीटें जीत ली हैं।

Jul 5, 2024 - 15:34
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ब्रिटेन सियासत में बड़ा बदलाव- 14 साल बाद सत्ता से बाहर कंजर्वेटिव पार्टी
Big change in British politics- Conservative Party out of power after 14 years

ऋषि सुनक ने ली हार की जिम्मेदारी 

ब्रिटेन की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ है। बीते दिन संपन्न हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी की करारी हार हुई है। इस चुनाव में कीर स्टारमर की विपक्षी लेबर ने प्रचंड जनादेश हासिल किया है। 650 सीटों वाली ब्रिटश संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में लेबर ने 400 से ज्यादा सीटें जीत ली हैं। यहां 650 में से अधिकतर सीटों की गिनती पूरी हो गई है।

ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में पूरी दुनिया की निगाहें रही हैं। चुनाव से पहले हुए सर्वे में अनुमान जताया था कि लेबर पार्टी संसद में भारी बहुमत हासिल करेगी जो सही साबित हुआ। इस तरह से कंजर्वेटिव प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का 18 महीने का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और ब्रिटेन के लोग 14 साल बाद कीर स्टार्मर को नए प्रधानमंत्री के रुप में देखेंगे। कंजर्वेटिव पार्टी 14 साल बाद सत्ता से बाहर हो गई है।

4 जुलाई 2024 को हुए थे UK में चुनाव-

यूनाईटेड किंगडम का आम चुनाव 4 जुलाई 2024 को हुआ। 6.7 करोड़ की आबादी वाले देश में मतदान केंद्रों में लोगों ने स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक मतदान किया। ये चुनाव यूनाइटेड किंगडम के सभी हिस्सों इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में हुए। मतदान कुल 650 संसदीय सीटों के लिए हुआ। 2024 के आम चुनाव में नामांकन की अंतिम तिथि शुक्रवार 7 जून 2024 थी। चुनाव में उतरे उम्मीदवारों ने मतदान के दिन से पहले के छह सप्ताह तक अपनी पार्टियों के लिए प्रचार में ताकत झोंकी। 
यूके के इस चुनाव के लिए कुल 392 पार्टियां पंजीकृत हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव और मुख्य विपक्षी नेता कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी के बीच रहा। 

सुनक को स्टार्मर ने कैसे दी टक्कर-

स्टार्मर लेबर पार्टी को ब्रिटिश राजनीति के केंद्र में वापस लाने और मतदाताओं में व्यापक अपील लाने के उनके प्रयास सफल हो गए हैं। अब 61 वर्षीय स्टार्मर ब्रिटेन के शीर्ष पद पर आसीन होंगे। लेबर पार्टी ने हाउस ऑफ कॉमन्स में 400 से ज्यादा सीटें जीत ली हैं, जो पार्टी के लिए पिछले परिणाम से 223 सीटों का बड़ा लाभ है। दूसरी ओर कंजर्वेटिव पार्टी को महज 115 सीटों के आसपास है। 2019 के आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी ने बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में 365 सीटें हासिल की थीं। वहीं जेरेमी कॉर्बिन के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने 2019 में 202 सीटें हासिल की थीं।

ऋषि सुनक ने ली हार की जिम्मेदारी

चुनाव नतीजों पर ऋषि सुनक ने अपने संसदीय क्षेत्र रिचमंड और नॉर्दर्न एलर्टन में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि 'मैं माफी मांगता हूं और इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं।' ऋषि सुनक ने कहा कि 'लेबर पार्टी ने इस चुनाव में जीत हासिल की है और मैंने कीर स्टार्मर को फोन कर उनकी जीत पर बधाई दी। आज, सत्ता शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से स्थानांतरित हो जाएगी।'

सुनक ने कहा कि 'मैं कंजर्वेटिव पार्टी के कई अच्छे, मेहनती उम्मीदवारों की हार की जिम्मेदारी लेता हूं, जो आज रात अपनी कोशिशों, अपने स्थानीय रिकॉर्ड और अपने समुदायों के प्रति समर्पण के बावजूद हार गए। मुझे इसका दुख है। मैंने बतौर प्रधानमंत्री अपना सौ फीसदी देने की कोशिश की। अब मैं लंदन जाऊंगा, जहां मैं प्रधानमंत्री का पद छोड़ने से पहले आज रात के परिणाम के बारे में और अधिक बताऊंगा।'

जानिए कौन है कीर स्टार्मर-

कीर स्टार्मर ब्रिटेन में मौजूदा सबसे बड़े विपक्षी दल लेबर के अध्यक्ष हैं। पेशे से वकील कीर स्टार्मर मुख्य अभियोक्ता रह चुके हैं। लेबर पार्टी के अनुसार, उनका पूरा करियर जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने के लिए रहा है। स्टार्मर पूर्वी इंग्लैंड के सरी में ऑक्सटेड नामक एक छोटे से शहर में पले-बढ़े। उनके पिता एक कारखाने में कारीगर के रूप में काम करते थे और उनकी मां अस्पताल में एक नर्स थीं।

कई परिवारों की तरह स्टार्मर को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनकी मां ने जीवन भर एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी से संघर्ष किया। कीर ने अपने बचपन का ज्यादातर समय अपनी मां को अस्पताल जाते हुए देखा, जहां उनके पिता हमेशा उनके साथ रहते थे। इन सब चुनौतियों के बीच स्कूल में उन्होंने 11+ (इंग्लैंड में प्राथमिक शिक्षा के अंतिम वर्ष की परीक्षा) की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने स्थानीय ग्रामर स्कूल में दाखिला लिया। जब वे 18 साल के थे, तो उन्हें लीड्स यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई करने का मौका मिला। इस तरह से स्टार्मर अपने परिवार में यूनिवर्सिटी जाने वाले पहले सदस्य भी बन गए।

52 साल की उम्र में पहली बार बने थे सांसद-

दुनिया को एक निष्पक्ष जगह बनाने के प्रयास में वह राजनीति में आ गए। कीर स्टार्मर पहली बार 2015 में 52 साल की उम्र में संसद के लिए चुने गए। वर्तमान में वह साउथ सेंट्रल लंदन के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र होलबोर्न और सेंट पैनक्रास के सांसद हैं। 
वह 2015 से 2016 तक ब्रिटेन की शैडो कैबिनेट में आव्रजन मंत्री थे। इसके अलावा स्टार्मर 2016 से 2020 तक यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए शैडो स्टेट सेक्रेटरी भी थे। ब्रिटेन में शैडो कैबिनेट में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी या आधिकारिक विपक्षी पार्टी के फ्रंटबेंच सांसद और ब्रिटिश संसद के उच्च सदन 'लॉर्ड्स' के सदस्य शामिल होते हैं।

लोग बदलाव चाहते हैं- कीर स्टार्मर 

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने चुनाव नतीजों को लेकर मतदाताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि 'देश के लोग परिवर्तन के लिए तैयार हैं और दिखावे की राजनीति को खत्म करने के लिए उन्होंने मतदान किया है।' होलबोर्न और सेंट पैनक्रास सीटों से जीतने के बाद अपने विजय भाषण में 61 वर्षीय स्टार्मर ने कहा कि 'चाहे लोगों ने उन्हें वोट दिया हो या नहीं, मैं इस निर्वाचन क्षेत्र के हर व्यक्ति की सेवा करूंगा। मैं आपके लिए बोलूंगा, आपका साथ दूंगा, हर दिन आपकी लड़ाई लड़ूंगा। अब समय आ गया है कि हम अपना काम करें।'