युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक को लेकर बड़ी खबर 

भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा के तलाक के मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनके तलाक में अनिवार्य 6 महीने की प्रतीक्षा अवधि को माफ करने की अनुमति दी है।

Mar 19, 2025 - 16:24
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युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक को लेकर बड़ी खबर 
Big news about Yuzvendra Chahal and Dhanashree Verma's divorce
  • 20 मार्च तक आ जाएगा फैसला,
  • चहल को देनी होगी 4.75 करोड़ एलिमनी

भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा के तलाक के मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनके तलाक में अनिवार्य 6 महीने की प्रतीक्षा अवधि को माफ करने की अनुमति दी है। अदालत ने फैमिली कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह 20 मार्च तक उनके तलाक की याचिका पर फैसला सुनाए, क्योंकि चहल 22 मार्च से आईपीएल 2025 में भाग लेने वाले हैं।

हाईकोर्ट का फैसला

बार एंड बेंच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें चहल और धनश्री के तलाक के लिए प्रतीक्षा अवधि को माफ करने की याचिका खारिज कर दी गई थी। न्यायमूर्ति माधव जामदार की बेंच ने यह फैसला चहल के आगामी आईपीएल कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए लिया है।

2022 से अलग रह रहे चहल और धनश्री-

चहल और धनश्री ने दिसंबर 2020 में शादी की थी, लेकिन जून 2022 से वे अलग रह रहे हैं। फरवरी 2024 में उन्होंने बांद्रा फैमिली कोर्ट में आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दायर की थी। हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13बी(2) के तहत, आमतौर पर तलाक की याचिका पर विचार करने से पहले 6 महीने की प्रतीक्षा अवधि दी जाती है, ताकि कपल को अपने रिश्ते को सुधारने का मौका मिले। हालांकि, कोर्ट ने यह देखते हुए कि वे दो साल से अलग रह रहे हैं, प्रतीक्षा अवधि को अनावश्यक माना।

एलिमनी को लेकर विवाद

चहल और धनश्री के बीच सहमति के अनुसार, चहल को अपनी पत्नी को 4 करोड़ 75 लाख रुपये की एलिमनी देनी थी। हालांकि, उन्होंने अभी तक केवल 2 करोड़ 37 लाख 55 हजार रुपये का ही भुगतान किया है। शेष राशि का भुगतान न करने को अदालत ने गैर-अनुपालन माना और इसी वजह से फैमिली कोर्ट ने पहले प्रतीक्षा अवधि को माफ करने से इनकार कर दिया था।

क्या होगा आगे?

अब हाईकोर्ट के निर्देश के बाद फैमिली कोर्ट को 20 मार्च तक इस मामले पर अंतिम फैसला देना होगा।