बीजापुर पत्रकार हत्याकांड: मौके से कलश गायब, अस्थि विसर्जन के लिए जा रहा था परिवार परिजन, किसी ने कलश तोड़कर मैदान में फेंका
बीजापुर के स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर का अंतिम संस्कार करने के बाद, जब परिजन अस्थि कलश लेने के लिए पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि कलश मौके पर मौजूद नहीं था।

बीजापुर के स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर का अंतिम संस्कार करने के बाद, जब परिजन अस्थि कलश लेने के लिए पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि कलश मौके पर मौजूद नहीं था। कलश को तोड़कर उसी मैदान में फेंक दिया। घटना के बाद इलाके में लोगों का गुस्सा फिर से उजागर हो चुका है। इस मामले की शिकायत बीजापुर एसपी से की गई है।
सड़क निर्माण को लेकर प्रकाशित की थी खबर-
परिजनों ने बताया कि बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर में करोड़ो की लागत से बन रहे घटिया सड़क निर्माण को लेकर खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, भाई रितेश चंद्राकर, मुंशी के उसके एक अन्य सहयोगी ने मिलकर ठेकेदार के चट्टनपारा स्थित बाड़े में ले जाकर मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद शव को सैप्टिक टैंक में छुपा दिया। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद ठेकेदार के बाड़े में सर्चिंग करने के बाद मुकेश के शव को बरामद किया। इसके बाद पुलिस ने मामले में चार आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
अस्थियों के साथ छेड़छाड़-
इस घटना के बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने के बाद अस्थियों को एक घड़े में रखकर उसे मुक्तिधाम के ही पेड़ में डाल से बांध दिया था।सोमवार को जब परिजन अस्थियां लेने के लिए पहुंचे, तो उन्हें यह पाया कि दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अस्थियों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। निर्धारित स्थान से 50 मीटर दूर घड़ा तोड़कर अस्थियां जमीन पर फेंक दी गई थीं। मुकेश की अस्थियों से भरे कलश को तोड़कर मैदान में बिखेर दिए जाने से परिजनों व पत्रकारों में विरोध शुरू हो गया।
अस्थियों का कलेश्वरम में करना था विसर्जन-
परिजनों ने बताया कि मुकेश की अस्थियों को कलेश्वरम में विसर्जन किया जाना था, जिसके लिए मुक्तिधाम के पास जब अस्थि कलश लेने पहुंचे तो अस्थि कलश गायब था। वहीं, उसकी खोजबीन करने पर 50 मीटर दूरी पर कलश टूटी और अस्थियां बिखरी पड़ी थी। मामले को लेकर दक्षिण बस्तर पत्रकार संघ के साथ ही बस्तर जिला पत्रकार संघ के पदाधिकारियों ने बीजापुर एसपी से शिकायत की है।