भैया...नगर निगम खस्ताहाल है...कुछ मदद करते महापौर को पहुंचना है
नगर निगम की आर्थिक स्थिति बदतर हो चुकी है। ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो जैसे नगर निगम की सारी व्यवस्था को लकवा मार गया हो। यह कहना है पार्षद अयोध्या तिवारी का।
कुछ इस अंदाज में कांग्रेस पार्षद दल ने सड़कों पर भीख मांग कर किया प्रदर्शन
नगर निगम की आर्थिक स्थिति बदतर हो चुकी है। ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो जैसे नगर निगम की सारी व्यवस्था को लकवा मार गया हो। यह कहना है पार्षद अयोध्या तिवारी का। जिनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्षद दल ने हाथ में कटोरा लेकर सड़कों में भीख मांगी और महापौर जबलपुर की नाकामियों को गिनाया। इस दौरान पार्षद अयोध्या तिवारी ने कहा कि महापौर असहाय और बेबस दिखलाई पड़ रहे हैं। न वार्डों में विकास कार्य हो रहे हैं, न मुख्यमंत्री अधोसंरचना का फंड मिल रहा है और न मुख्यमंत्री कायाकल्प का। और मुख्यमंत्री कायाकल्प की स्थिति तो ये है कि जबलपुर नगर निगम के हिस्से का लगभग 10 करोड़ का अमाउंट पेंडिंग है। जबलपुर नगर निगम के हालात ये हो चुके हैं कि शहर विकास व्यवस्था की जिम्मेदार नगर निगम एकदम बेबस, लाचार और असहाय नजर आ रही है। और महापौर हैं कि भूमि पूजन, लोकार्पण और स्वयं के माल्यार्पण में व्यस्त हैं।
इस दौरान पार्षद अयोध्या तिवारी जमकर जबलपुर महापौर पर बरसे और कहा कि पार्षद मद की स्थिति ये है कि साल 2022-23 और 2023-24 की जो फ़ाइलें पहले से ही सैंक्शंड पड़ी हुई हैं उन फाइलों के आज दिनांक तक ना तो वर्क आर्डर जारी हुए हैं और ना ही उन कार्यों को कराने की जिम्मेदारी जिन संबंधित वार्डों के पार्षदों पर है उनको नगर निगम जबलपुर संतोषप्रद जवाब दे पा रहा है। स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी है, प्रकाश व्यवस्था लड़खड़ाई हुई है, एक-एक डेढ़-डेढ़ घंटे नलों में आने वाला पानी 20 मिनट और आधे घंटे के पहले ही बंद हो जा रहा है। ना रेग्यूलर वेतन भोगियों को वेतन मिल रहा है, न संविदा कर्मचारियों को समय पर वेतनमान, न समय पर ग्रेच्युटी मिल रही है और न पेंशनर्स को समय पर पेंशन। सब कुछ उल्टा पुल्टा है और महापौर हैं कि अब भी कुंभकर्णी निंद्रा से जागने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस दौरान पार्षद अयोध्या तिवारी ने कहा कि जबलपुर को उसके हिस्से की मिलने वाली चुंगी छतिपूर्ति जो कि लगभग 32 करोड़ रुपए प्रतिमाह जबलपुर को मिलना चाहिए वह किसी महीने 14 करोड़ आ रही है तो किसी महीने 16 तो किसी महीने 18 करोड़। और जिस चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से नगर निगम के वेतन भोगियों का वेतन और रखरखाव करना चाहिए उसे नगर निगम उस मद में ना करके उससे बिजली का बिल और हुडको के लोन का ब्याज चुकाया जा रहा है। पार्षद अयोध्या तिवारी ने आगे कहा कि हकीकत तो यही है कि जबलपुर नगर निगम बेबस और लाचार हो चुका है और यही स्थितियां और परिस्थितियां अगर आगे भी बनी रहीं तो जबलपुर नगर निगम को इससे भी बुरी स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
इस दौरान पार्षद अयोध्या तिवारी, अमरीश मिश्रा, वकील अंसारी, संतोष दुबे, अदिति अतुल बाजपेई, अख़तर अंसारी, हर्षित यादव, अरुणा संजय साहू, मुकीमा याकूब अंसारी, राजेश यादव, शगुफ्ता गुड्डू नबी उस्मानी, गुलाम हुसैन, कलीम खान, अनुपम जैन, गुड्डू तामसेतवार, राकेश पांडे, प्रमोद पटेल, सत्येंद्र चौबे गुड्डा, गार्गी रामकुमार यादव, लक्ष्मण लक्ष्मी गोटिया, तुलसा लखन प्रजापति, ताहिर अली आदि उपस्थित थे। धन्यवाद।