जबलपुर के डब्ल्यूसीआर मुख्यालय में सीबीआई की दबिश से दिल्ली तक हड़कंप
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय में सीबीआई की चहलकदमी से दिल्ली तक हिली हुई है। दबिश में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने अहम दस्तावेज जब्त किए हैं और कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए हैं। अब खबर आ रही है कि अगले चरण में पश्चिम मध्य रेलवे के उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारियों को सीबीआई हिरासत में लेगी।

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय में सीबीआई की चहलकदमी से दिल्ली तक हिली हुई है। दबिश में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने अहम दस्तावेज जब्त किए हैं और कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए हैं। अब खबर आ रही है कि अगले चरण में पश्चिम मध्य रेलवे के उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारियों को सीबीआई हिरासत में लेगी।
सीबीआई की टीम जब पमरे मुख्यालय के स्टोर और इंजीनियरिंग शाखापहुंची तो अफसरों के होश उड़ गये। संभावना है कि इस छापे के तार हाल ही इटारसी में पदस्थ हेल्थ इंस्पेक्टर हरिमोहन मीणा की गिरफ्तारी के मामले से जोड़ा जा रहा है। मीणा को ठेकेदार से 75 हजार रुपये की घूस लेते दबोचा गया था।
बड़े गठजोड़ का होगा खुलासा
सीबीआई की टीम ने पश्चिम मध्य रेलवे के भंडार शाखा के मुख्य सामग्री प्रबंधक (सीएमएम) अशोक कुमार और स्टेनो शैलेंद्र कुमार से सीबीआई ने लंबी पूछताछ की है। इस पूछताछ का लब्बोलुआब तो बाहर नहीं आया है,लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि ठेकेदारों और अफसरों के गठजोड़ के बड़े गिरोह का खुलासा होगा। जानकारी के अनुसार, अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर की ठेकेदार कंपनियों को किस तरह से बचाते हैं और उनके अमले की गल्तियों को नजरअंदाज करते हैं, ये सब इस प्रकरण की जांच में सामने आएगा।
अफसरों की आशंकाएं और डर
छापे के बाद खासकर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी सकते में हैं। सीबीआई ने बिलों से जुड़े सारे दस्तावेजों को समेट ले गयी है। अब इनकी जांच की जाएगी और इसके बाद एक्शन होगा। खबर है कि सीबीआई करीब तीन से चार महीने पहले से इस मामले की छानबीन कर रही थी और इसी सिलसिले में ये छापा मारा गया है। रेलवे के दूसरे विभागों के अधिकारी गुपचुप छापे को लेकर बात तो कर रहे हैं,लेकिन दबी जुबान से। माना जा रहा है कि ठेकेदारों के अनियमित भुगतान से दिल्ली के अफसर भी सीधे तौर पर जुड़े हुये हैं।