सीबीआई करेगी महिला डॉक्टर की हत्या की जांच, कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बीच इस मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

Aug 13, 2024 - 16:07
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सीबीआई करेगी महिला डॉक्टर की हत्या की जांच, कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
CBI will investigate the murder of a female doctor, Calcutta High Court gave instructions

कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बीच इस मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए। कोर्ट ने मामले से जुड़ सभी दस्तावेज तत्काल केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने के निर्देश भी दिए हैं। अब मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।
इससे पहले कई जनहित याचिकाओं के दायर होने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल पद से प्रोफेसर (डॉ.) संदीप घोष को छुट्टी पर भेज दिया था। अदालत ने कहा कि नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए किसी के पद से इस्तीफा देने के बाद उसकी किसी और सरकारी कॉलेज में नियुक्ति कैसे की जा सकती है। साथ ही उन्होंने आज दोपहर तीन बजे से पहले संदीप घोष को छुट्टी का आवेदन जमा करने को कहा था। इसके साथ ही आज दोपहर एक बजे अदालत में मामले की केस डायरी दाखिल करने का निर्देश दिया था। 
पीठ के निर्देश पर पश्चिम बंगाल सरकार ने दोपहर एक बजे केस डायरी पेश की। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बता दें, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल पद से प्रोफेसर (डॉ.) संदीप घोष ने कल इस्तीफा दे दिया था। उसके कुछ ही समय बाद ही उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में नियुक्त कर दिया गया था।

अप्राकृतिक मौत का मामला क्यों नहीं शुरू किया गया-

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूछा कि यहां सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में हत्या का मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया और अप्राकृतिक मौत का मामला क्यों नहीं शुरू किया गया।इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने बताया कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, हत्या की तत्काल कोई शिकायत नहीं है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव सड़क किनारे नहीं मिला और अस्पताल के अधीक्षक या प्रिंसिपल शिकायत दर्ज करा सकते थे।प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि हत्या इतनी भयावह थी कि डॉक्टरों और प्रशिक्षुओं द्वारा अपनी पीड़ा जाहिर करना सही था। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य को आंदोलनकारी डॉक्टरों के साथ बातचीत करनी चाहिए। इस बीच, राज्य सरकार के वकील ने दावा किया कि कोलकाता पुलिस मामले में पारदर्शी जांच कर रही है। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि वह एक प्रशासनिक पद पर नियुक्त रह सकते हैं, लेकिन उनसे सबसे पहले पूछताछ होनी चाहिए थी। कोर्ट ने राज्य के वकील से भी पूछा कि आप उन्हें क्यों बचा रहे हैं। उनका बयान दर्ज करें। वह जो कुछ भी जानते हैं उन्हें बताने दो।