बैठक के दौरान भड़के सीएम मोहन यादव, एक के बाद एक चार अफसरों को किया सस्पेंड 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समाधान ऑनलाइन की समीक्षा बैठक में सख्ती दिखाते हुए 4 अफसरों को सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड होने वालों में रीवा के तहसीलदार, मऊगंज नगर पंचायत के सीएमओ और एक सब-इंजीनियर शामिल हैं।

Mar 29, 2025 - 16:04
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बैठक के दौरान भड़के सीएम मोहन यादव, एक के बाद एक चार अफसरों को किया सस्पेंड 
CM Mohan Yadav got angry during the meeting suspended four officers one after the other

 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समाधान ऑनलाइन की समीक्षा बैठक में सख्ती दिखाते हुए 4 अफसरों को सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड होने वालों में रीवा के तहसीलदार, मऊगंज नगर पंचायत के सीएमओ और एक सब-इंजीनियर शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने काम में देरी को लेकर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सिवनी के टीआई और एसडीओपी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई शुक्रवार को मंत्रालय में हुई।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों की समस्याओं के समाधान की समीक्षा की। उन्होंने योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। इस वर्चुअल मीटिंग में सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, आईजी, कमिश्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिवनी और सीहोर के अफसरों पर कड़ी नाराजगी जताई। सिवनी जिले में बच्चों और महिलाओं के गुम होने और अपहरण के मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं करने पर उन्होंने टीआई और एसडीओपी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। वहीं, सीहोर में नल जल योजना का पानी आखिरी गांव तक न पहुंचने पर भी सीएम ने नाराजगी व्यक्त की और पूछा, "जब पानी दिए जाने का निर्णय लिया गया है तो ऐसी स्थिति क्यों बन रही है?"

समाधान ऑनलाइन की बैठक में मुख्यमंत्री ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से भी बात की। उन्होंने विदिशा, टीकमगढ़ और खंडवा के अफसरों पर भी सख्ती दिखाई। विदिशा में मुद्रा योजना का लाभ नहीं दिए जाने पर सीएमओ को नोटिस जारी किया गया, साथ ही लीड बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। टीकमगढ़ जिले में बकरी पालन के अनुदान की फाइल गायब हो गई थी, लेकिन समाधान ऑनलाइन के माध्यम से फाइल को शीघ्र सुलझाकर अनुदान दिया गया। खंडवा में दिव्यांगों को 193 दिनों से राशि नहीं मिलने पर कलेक्टर ने सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया।

सीएम की इस कार्रवाई से अफसरों में हड़कंप मच गया है और अब वे अपने काम को समय पर पूरा करने में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि काम में लापरवाही और देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अधिकारियों को समय पर काम पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने अफसरों को चेतावनी दी कि वे अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं और लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता दें।