राजस्थान में सामने आई स्वाइन फ्लू और लेप्टोस्पायरोसिस के मामले
राजस्थान में गर्मी बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू और लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) के मामले भी तेजी से बढ़ रहे है। अब तक जयपुर में स्वाइन फ्लू के 17 और श्रीगंगानगर में 21 सक्रिय मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 10 जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के 32 केस सामने आई है।
राजस्थान में गर्मी बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू और लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) के मामले भी तेजी से बढ़ रहे है। अब तक जयपुर में स्वाइन फ्लू के 17 और श्रीगंगानगर में 21 सक्रिय मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 10 जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के 32 केस सामने आई है। इस आंकड़े ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है, जिसके चलते शनिवार को राजधानी जयपुर में बढ़ी बैठक भी हुई है।
मास्क पहनना जरूरी, यात्रा से बचें-
राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जयपुर और श्रीगंगानगर में स्वाइन फ्लू के जो मामले सामने आए हैं वे हल्के थे और उन मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। वहीं राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा, 'शुक्रवार को हमने 424 टेस्ट किए थे, जिनमें से केवल 7 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ये सभी 7 माइल्ड लक्षण वाले मरीज हैं, जिनका इलाज घर पर ही संभव है। हम राज्य-स्तरीय बैठकें करते रहते हैं। संवेदनशील समूह को इससे बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए और यात्रा करने से बचना चाहिए। अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो उन्हें जांच करानी चाहिए।'
लेप्टोस्पायरोसिस से बचने के लिया जरुरी है साफ़-सफाई-
लेप्टोस्पायरोसिस के बारे में बताते हुए रवि प्रकाश माथुर ने कहा, 'यह चूहों के मूत्र से फैलता है। प्रदेश के 10 जिलों में इसका प्रभाव देखा गया है। अब तक लेप्टोस्पायरोसिस के 32 मामले सामने आए हैं। हालांकि अभी तक किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। इससे बचने के लिए सबसे जरूरी चीज साफ सफाई है। अगर आपके स्टोर रूम में चूहे हैं और वे एक कोल्ड ड्रिंक कैन पर पेशाब करते हैं, और यदि यह यदि वितरित किया जाता है और पुन: उपयोग किया जाता है, तो संक्रमण फैलने की संभावना है। उन्होंने इससे बचाव के लिए लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की है।