केंद्र सरकार द्वारा लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का एलान
केंद्र सरकार ने लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का एलान कर दिया है। इनके नाम जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने फैसले के बाद लद्दाख के लोगों को बधाई दी।
इन जिलों के नाम जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे
केंद्र सरकार ने लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का एलान कर दिया है। इनके नाम जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने फैसले के बाद लद्दाख के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे सुविधाओं और अवसरों को लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
पांच नए जिलों के गठन को मंजूरी देने के साथ ही गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन को नए जिलों से संबंधित विभिन्न पहलुओं जैसे मुख्यालय, सीमाएं, संरचना, पदों का सृजन और जिला गठन से संबंधित अन्य पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया है। इस समिति को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय को एक अंतिम प्रस्ताव भेजा जाएगा।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, 'एक विकसित और समृद्ध लद्दाख के निर्माण के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश में पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है। नए जिले जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे। हम हर नुक्कड़ और गली में शासन को मजबूत करके लोगों के लिए लाभ को उनके दरवाजे तक ले जाएंगे। मोदी सरकार लद्दाख के लोगों के लिए हरसंभव अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने नए जिलों के गठन की सराहना करते हुए इसे बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इन जिलों पर अब अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे सेवाओं और अवसरों को लोगों के और करीब लाया जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने इस घोषणा पर लद्दाख के लोगों को बधाई दी।
लद्दाख केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे प्रशासनिक नियंत्रण में आता है
5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। इसके बाद लद्दाख एक केंद्र शासित प्रदेश बना गया था। दूसरा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर है। पांच साल पहले इसी दिन तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को भी निरस्त कर दिया गया था। केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण लद्दाख केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे प्रशासनिक नियंत्रण में आता है।