यूपी के मीरापुर उपचुनाव में बवाल, पिस्टल ताने अफसर का वीडियो वायरल
यूपी के मुजफ्फरनगर के मीरापुर उपचुनाव में ककरोली गांव में मतदान के दौरान जमकर बवाल हुआ।
यूपी के मुजफ्फरनगर के मीरापुर उपचुनाव में ककरोली गांव में मतदान के दौरान जमकर बवाल हुआ। ग्रामीण महिलाओं और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एसएचओ राजीव शर्मा हाथ में पिस्टल लिए सामने खड़ी महिलाओं को धमका रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर उपचुनाव में बवाल मचा। मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के गांव ककरोली में हंगामा कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने बल प्रयोग कर भगा दिया। इस दौरान गांव की एक गली में वोट डालने जा रही महिलाओं और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई। एक ओर से महिलाएं हाथ में वोटर पर्ची लिए मतदान करने के लिए निकलीं तो दूसरी ओर उनके सामने पुलिस फोर्स के साथ ककरौली थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव शर्मा हाथ में पिस्टल लिए खड़े थे। इस दौरान एसएचओ और महिलाओं में नोकझोंक हुई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि एसएचओ हाथ में पिस्तौल लिए खड़े हैं। वे सामने खड़ी महिलाओं को धमका रहे हैं। इस दौरान आवाज आ रही है कि अगर आगे बढ़े तो गोली मार दूंगा जबकि महिलाएं अपने वोट डालने के लोकतांत्रिक अधिकार की बात करते हुए कह रही हैं कि पुलिस को गोली मारने का आदेश नहीं दिया गया है।
वोट डालने से रोकने वाले अफसर को निलंबित करो:सपा
वीडियो वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसे ककरोली गांव का बताते हुए पुलिस इंस्पेक्टर के महिलाओं पर पिस्टल तानने के मामले में उन्होंने नाराजगी जाहिर की। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा कि मीरापुर के ककरौली थाना प्रभारी निरीक्षक को चुनाव आयोग तुरंत निलंबित करे क्योंकि वह रिवॉल्वर से धमकाकर वोटर्स को वोट डालने से रोक रहे हैं।
पुलिस पर जानलेवा हमला, इसलिए निकाली पिस्तौल-
पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक विधानसभा मीरापुर क्षेत्र के गांव ककरोली में समाजवादी पार्टी और एआइएमआइएम समर्थकों के बीच मतदान को लेकर विवाद की सूचना पुलिस को मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची तो दोनों पक्ष के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। पथराव करते हुए पुलिस पर जानलेवा हमला किया। इसके बाद कानून व्यवस्था कायम रखने व विवाद को दबाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया।