क्रूर हॉस्टल वार्डन ने बच्चे को बेरहमी से पीटा

जबलपुर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) नीमखेड़ा के 8वीं के छात्र को हॉस्टल वार्डन ने इस कदर पीटा कि बच्चे के चेहरे और पीठ पर पिटाई के निशान छप गए। पेरेंट्स का आरोप है कि बच्चे को एक कान से ठीक से सुनाई भी नहीं दे रहा है।

Sep 26, 2024 - 14:59
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क्रूर हॉस्टल वार्डन ने बच्चे को बेरहमी से पीटा
Child brutally beaten by cruel hostel warden

जबलपुर के डीपीएस स्कूल की नीमखेड़ा ब्रांच का मामला, मैनेजमेंट ने वॉर्डन को किया टर्मिनेट

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। 

जबलपुर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) नीमखेड़ा के 8वीं के छात्र को हॉस्टल वार्डन ने इस कदर पीटा कि बच्चे के चेहरे और पीठ पर पिटाई के निशान छप गए। पेरेंट्स का आरोप है कि बच्चे को एक कान से ठीक से सुनाई भी नहीं दे रहा है। स्कूल मैनेजमेंट ने वॉर्डन मुकेश शर्मा को टर्मिनेट कर दिया है। वहीं पुलिस ने आरोपी पर एफआईआर दर्ज कर ली है। 
बताया जा रहा है कि छात्र के साथ सोमवार को मारपीट की गई थी। छात्र के माता-पिता बुधवार दोपहर रीवा से जबलपुर पहुंचे और पुलिस से वार्डन की शिकायत की। बताया गया कि मंगलवार को कॉल-डे होता है। यानी बच्चों की बात मोबाइल पर उनके पेरेंट्स से कराई जाती है। इसी दौरान पेरेंट्स से शिकायत करते हुए बच्चा खूब रोया। जब गौर पुलिस चौकी स्कूल पहुँची तो बच्चा एएसआई उदय सिंह से लिपटकर फूट-फूट कर रोया।

सौ बार उठक-बैठक कराई-

पीड़ित छात्र का एक हफ्ते पहले एक साथी छात्र से हॉस्टल में झगड़ा हुआ था। वार्डन ने सभी छात्रों के सामने उसे सौ बार उठक-बैठक की सजा दी थी। यह बात स्कूल प्रबंधक शाल्वी प्रजापति को पता चल गई। उन्होंने वार्डन मुकेश शर्मा को डांटा भी था। यह बात वार्डन को नागवार गुजरी और उसने छात्र की बुरी तरह पिटाई की। पुलिस ने आरोपी वार्डन  घटना के बाद से वार्डन फरार है।

मैनेजमेंट ने वार्डन को भगा दिया

छात्र के पिता ने बताया कि पिछले साल बेटे को यहां 7वीं क्लास में एडमिशन दिलाया था। इस साल वह 8वीं में है। मंगलवार रात उसने अपनी मम्मी को फोन पर बताया कि 23 सितंबर की रात 11.30 बजे वार्डन ने उसकी पिटाई की है। उस समय वह सो रहा था। इतनी बात कर वह रोने लगा और फोन कट हो गया। पिता के अनुसार, जब वार्डन से पूछा कि क्यों मारा? उससे कोई जवाब देते नहीं बना। छात्र के पिता का कहना है कि सोमवार को बेटे के साथ मारपीट हुई और मंगलवार शाम 6 बजे तक स्कूल मैनेजमेंट को मालूम नहीं था कि यह घटना हो गई। इतना ही नहीं, जिस वार्डन ने बेटे को पीटा, उसी के साथ उसे किसी डॉक्टर के पास इलाज के लिए भेज दिया गया। डॉक्टर ने पर्चे में कुछ नहीं लिखा। बेटे को डबल-डबल एंटीबायोटिक्स दे रहे थे। जो दवा 13 साल के बच्चे को नहीं देनी चाहिए, वो दवा दी गयी।

वार्डन को टर्मिनेट दिया

मामले में स्कूल प्रबंधक सत्या प्रजापति का कहना है कि बच्चे के साथ मारपीट करने वाले वार्डन को टर्मिनेट कर दिया गया है। जैसे ही वॉर्डन की इस हरकत के बारे में पता चला वॉर्डन पर एक्शन  लिया गया। जिस बच्चे के साथ ये घटना हुई है,स्कूल मैनेजमेंट उसके साथ है। पुलिस की जांच में स्कूल प्रबन्धन पूर्ण सहयोग करने तत्पर है। इधर,  गौर पुलिस चौकी के प्रधान आरक्षक पुष्पेंद्र पांडेय ने बताया कि बच्चे के गाल और पीठ में चोट के निशान हैं।