प्रकाश पर्व के लिए सजे शहर के गुरुद्वारे
गुरु नानक देव जी की शिक्षा हर एक सिख में देखी जा सकती है। बात फिर आदर सत्कार की हो या फिर ईमानदारी की। हर एक सिख भाई अपने धर्म गुरुओं के पाठ को कभी नहीं भूलते। गुरु नानक देव जी का इस बार 555वां प्रकाश पर्व है।
गुरु नानक देव जी की शिक्षा हर एक सिख में देखी जा सकती है। बात फिर आदर सत्कार की हो या फिर ईमानदारी की। हर एक सिख भाई अपने धर्म गुरुओं के पाठ को कभी नहीं भूलते। गुरु नानक देव जी का इस बार 555वां प्रकाश पर्व है। सिख धर्म में सभी धर्म गुरुओं की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा के अवसर पर गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व मनाया जाता है। जिनका इंतजार सिख समुदाय को पूरे वर्ष भर रहता है। गुरु नानक जयंती के अवसर पर सिख समुदाय के लोगों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नगर संकीर्तन के साथ ही अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर प्रकाश पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शहर के सभी गुरुद्वारे आकर्षक रूप लिए हुए है। यहां पर लंगर और पाठ की व्यवस्था की जा रही है। प्रकाश पर्व के मौके पर गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ के साथ ही गुरुनानक देव के उपदेशों का स्मरण किया जा रहा है ताकि धर्म से जुड़े छोटे-छोटे बच्चे भी उनके बताए मार्ग का अनुसरण कर सके।
आकर्षक लाइट्स से सजे गुरुद्वारे
शहर में स्थित तमाम गुरुद्वारे आकर्षक रूप से सजाए गए हैं। यहां पर टेंट और लाइट लगाई गई है। प्रकाश पर्व के मौके पर शरबत और लंगर की व्यवस्था की गई है। विक्रम जीत सांगा ने बताया हर वर्ष घाना स्थित गुरुद्वारे पर प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। रोड पर टेंट लगाया जाता है। व्यवस्था इस तरह से की जाती है कि आने-जाने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो। इस दौरान सभी आगंतुकों को शहबत पिलाया जाता है। लंगर का आयोजन करते हैं। लंगर की शुरूआत जरूरतमंदों को भोजन कराकर की जाती है। सुबह 9 बजे से शाम के साढ़े छह बजे तक लगाकर लंगर चलता है। जिसमें अन्य समुदाय के लोग भी अपना पूरा सहयोग देते हैं। गुरुनानक देव जी ने सिखाया है कि सभी का सम्मान करना चाहिए। कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए इसी संदेश को चरितार्थ करते हुए समुदाय द्वारा इस तरह के सामाजिक कार्य लगातार किए जा रहे हैं।