घाट फेस्टिवल में सिर फुटव्वल...रात में हंगामा, सुबह आयोजक गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित बहुचर्चित घाट फेस्टिवल में गुरूवार की रात हुये हंगामे ने जबलपुर के नाम को एक बार फिर बट्टा लगा दिया।

- बड़े कलाकारों के मंच पर न आने के बाद दर्शक बेकाबू,
- बिना अनुमति हो रहा था आयोजन
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित बहुचर्चित घाट फेस्टिवल में गुरूवार की रात हुये हंगामे ने जबलपुर के नाम को एक बार फिर बट्टा लगा दिया। बड़े कलाकारों के नाम पर टिकट बेचे और जब बड़े कलाकार नहीं आए तो दर्शकों का गुस्सा फूट पड़ा। कार्यक्रम की आयोजक सिनेक्राफ्ट एंटरटेनमेंट संस्था का संचालक राहुल मिश्रा रात में स्थल से फरार हो गया, लेकिन शुक्रवार सुबह पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई की बात की जा रही है। इधर, मप्र टूरिज्म काउंसिल के अधिकारियों की भूमिका पर भी सववल खड़े हो रहे हैं कि आखिर उन्होंने बिना जांच-पड़ताल के कार्यक्रम को स्पॉन्सर कैसे किया।
आरोपी राहुल मिश्रा
होना क्या था, हुआ क्या
22 से 26 जनवरी के पांच दिन घाट फेस्टिवल में भेड़ाघाट के निकट सगड़ा स्थित एंबिएंस लॉन में दिग्गज कलाकारों को आना था और अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मनोरंजन करना था। गुरुवार की रात जब दर्शक अपने प्यारे कलाकार सुनील ग्रोवर और पीयूष मिश्रा का दीदार करने बेताब थे तभी पता चला कि दोनों नहीं आ रहे हैं तो पब्लिक भड़क गयी और गुस्सा उबल पड़ा। दर्शकों ने कुर्सियां तोड़कर फेंकी और पोस्टर भी फाड़े। दर्शकों के एक वर्ग को इस अफरातफरी में अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। शाम 6 बजे से रात के 10 बजे तक दर्शकों को यही बताया गया था कि दोनों दिग्गज कलाकार आ रहे हैं,लेकिन जब सच्चाई बाहर आई तो हंगामा हो गया।
वजह, जो सामने आई
आयोजक राहुल मिश्रा द्वारा बड़े कलाकारों के न आने की पहली वजह तो ये बताई गयी है कि उन्हें पूरी पेमेंट नहीं की गयी इसलिए वे नहीं आए। ये खोज का विषय है कि कलाकारों ने अपने नाम का उपयोग प्रचार-प्रसार माध्यमों में करने की अनुमति दी थी या नहीं। सूत्रों का ये भी दावा है कि सब कुछ प्री-प्लांड था। सोचा गया था कि दर्शकों को रात 10 बजे तक रोके रखा जाए, परेशान होकर दर्शक खुद ही घर चले जाएंगे,लेकिन जब दर्शकों ने हंगामा शुरु कर दिया तो आयोजकों ही भागना पड़ा।
होटल में ही रुके रहे कलाकार
बताया गया है कि सुनील ग्रोवर व पीयूष मिश्रा जबलपुर के एक नामी होटल तक आ गये थे,जब उनसे कार्यक्रम के मंच पर चलने के लिए कहा गया तो उन्होंने पेमेंट देने के लिए कहा। आयोजकों ने कहा कि कार्यक्रम के बाद भुगतान कर देंगे,लेकिन कलाकारों ने जिद पकड़ ली कि पहले पूरा भुगतान करना ही होगा। यहां से बात बिगड़ी और दर्शकों ने हंगामा कर दिया। गौरतलब है कि ये वही राहुल मिश्रा है,जो इससे पहले सलमान खान के नाम पर पब्लिक को ठगी का शिकार बना चुका है।
ब्लैक में भी बेचे टिकट
इस आयोजन के टिकटों की शुरुआती बिक्री बुक माय शो के जरिए 333 रुपये से शुरु हुई थी,लेकिन जैसे-जैसे कलाकारों के नाम सामने आए तो पब्लिक ने खूब टिकट खरीदे। आखिरी दौर में यही टिकट 10 हजार रुपये तक में बिके और इंदौर-भोपाल के लोगों ने भी टिकट खरीदे। बीती रात इन शहरों से आए लोगों को भी निराशा का सामना करना पड़ा। महिला दर्शकों ने बड़ी मुश्किल से जान बचाई और किसी तरह से बाहर आईं।
बिना अनुमति आयोजन,कार्रवाई क्यों नहीं
सबसे बड़ा सवाल जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से पूछा जा रहा है। घाट फेस्टिवल का जोर-शोर से आयोजन किया जा था,लेकिन जिम्मेदारों ने उससे किसी तरह की पूछताछ तक नहीं की गयी। देश के बड़े कलाकार आने वाले थे, हजारों की भीड़ एकत्रित होने वाली थी,लेकिन फिर भी किसी को इतनी फुरसत नहीं मिली कि आयोजन की प्लानिंग पर बात करे। बीती रात जो भगदड़ मची, यदि कोई हादसा हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता,ये सवाल बड़ा है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि ये जांच का विषय है कि बिना अनुमति ये कार्यक्रम कैसे आयोजित हो रहा था। एमपी टूरिज्म के अफसरों से जवाब मांगा जाएगा। वहीं जबलपुर एसपी पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने कहा कि इस आयोजन की सूचना पुलिस को नहीं दी गयी थी। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।