सतना: अभिभावकों से अधिक शुल्क वसूलने पर कलेक्टर ने स्कूल पर ठोका जुर्माना
कलेक्टर सतीश कुमार एस एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने सतना जिले में अभिभावकों से अत्यधिक शुल्क वसूलने वाले निजी स्कूलों पर जुर्माना लगाया है, जिससे इन स्कूलों में हड़कंप मच गया है।

कलेक्टर सतीश कुमार एस एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने सतना जिले में अभिभावकों से अत्यधिक शुल्क वसूलने वाले निजी स्कूलों पर जुर्माना लगाया है, जिससे इन स्कूलों में हड़कंप मच गया है। सतीश कुमार एस की पहचान एक सख्त आईएएस अधिकारी के रूप में होती है। जहां भी वे कार्यरत रहे हैं, अपनी कड़क कार्यशैली के कारण चर्चा में रहे हैं। भिंड में कलेक्टर रहते हुए भी वे कई विवादों का हिस्सा बने थे। आइए जानते हैं कि सतना कलेक्टर सतीश कुमार एस कौन हैं।
सतना कलेक्टर सतीश कुमार एस 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और मूल रूप से तमिलनाडु के वेल्लोर से हैं। हाल ही में उन्हें सतना जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। उन्होंने मद्रास मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी की। कलेक्टर के रूप में यह उनकी दूसरी नियुक्ति है।
आईएएस अधिकारी सतीश कुमार एस सतना से पहले भिंड जिले के कलेक्टर रह चुके हैं, जहां उनकी यह पहली कलेक्टर पद की नियुक्ति थी। इससे पहले उन्होंने मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में अलग-अलग पदों पर सेवाएं दी हैं। उनकी प्रशासनिक यात्रा रतलाम में सहायक कलेक्टर के रूप में शुरू हुई। इसके बाद वे सिवनी और नर्मदापुरम में एसडीएम के पद पर कार्यरत रहे। साथ ही, उन्होंने खरगोन और भोपाल में जिला पंचायत के सीईओ के रूप में भी जिम्मेदारियां संभाली हैं।
विवादों से भी रहा नाता
भिंड में कलेक्टर रहते हुए सतीश कुमार एस का नाम कई विवादों से जुड़ा। कोविड की दूसरी लहर के दौरान उन्होंने जिला अस्पताल में ऑक्सीजन वैन के ड्राइवर को अपने सुरक्षा गार्ड से पिटवाया था। मार्च 2021 में उन्होंने सीनियर अधिवक्ता उमाकांत मिश्रा के साथ अभद्र व्यवहार किया था। वहीं, फरवरी में अतिक्रमण हटाने के दौरान व्यापारियों के सामने सरेआम कहा था, "गोली मार दो मुझे।"
सतना में स्कूलों पर सख्त कार्रवाई
इस बार सतना कलेक्टर सतीश कुमार एस निजी स्कूलों की मनमानी पर कड़ा रुख अपनाने को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने नन्हीं दुनिया इंटरनेशनल स्कूल पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया, क्योंकि स्कूल ने अभिभावकों को एक ही स्थान से ड्रेस और किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया था। शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने जांच करवाई और कार्रवाई करते हुए स्कूल संचालक को सात दिनों के भीतर जुर्माना भरने का निर्देश दिया।